Delhi Liquor Scam: अरविंद केजरीवाल को HC से बड़ा झटका, आबकारी नीति मामले में ट्रायल पर रोक से इनकार

Written By रईश खान | Updated: Nov 21, 2024, 05:14 PM IST

Arvind kejriwal 

Excise Policy Scam: दिल्ली हाईकोर्ट ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.

दिल्ली आबकारी नीति मामले में आम आदमी पार्टी के संयोजक और पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को गुरुवार को बड़ा झटका लगा है. दिल्ली हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में निचली अदालत की कार्यवाही पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया. साथ ही कोर्ट ने ED के आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के निचली अदालत के फैसले के खिलाफ केजरीवाल की याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय से जवाब मांगा है.

 केजरीवाल दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 से जुड़ी अनियमितताओं के मामले में आरोपी हैं. जस्टिस मनोज कुमार ओहरी ने केजरीवाल की उस याचिका पर ईडी से जवाब मांगा, जिसमें चार्जशीट पर संज्ञान लिए जाने के निचली आदेश को चुनौती दी गई. इस मामले में अगली सुनवाई 20 दिसंबर 2024 को होगी. 

पूर्व CM ने निचली अदालत के आदेश को खारिज करने का अनुरोध किया और दलील दी कि कथित अपराध के समय वह एक लोक सेवक थे. ऐसे में विशेष अदालत ने उनके खिलाफ सुनवाई के लिए किसी मंजूरी के बिना चार्जशीट पर संज्ञान लिया. हालांकि, ED की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केजरीवाल पर मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी मिल गई है और वह हलफनामा दाखिल करेंगे.

दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने जब सुनवाई अगले साल निर्धारित की तो केजरीवाल के वकील ने अनुरोध किया कि इस मामले में तात्कालिकता को देखते हुए स्थगन की उनकी याचिका पर आज ही आदेश पारित किया जाए. तुषार मेहता ने स्थगन आवेदन पर जवाब दाखिल करने का अनुरोध किया और कहा कि इस तरह का रुख अनुचित है.

ईडी से जवाब मांगा
दिल्ली HC ने कथित आबकारी घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल को जारी समन को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर ईडी से जवाब मांगा. कोर्ट ने आपराधिक मामले में फिलहाल निचली अदालत की सुनवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई को केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी और सीबीआई के मामले में 13 सितंबर को उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया था.

क्या था आबकारी नीति घोटाला?
जांच एजेंसियों के अनुसार, आबकारी नीति में अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया. दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नीति लागू की और भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत तक इसे रद्द कर दिया. (PTI इनपुट के साथ)

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