डीएनए हिंदी: जवाहर लाल नेहरू विश्विविद्यालय (JNU) की छात्र नेता रहीं शहला रशीद (Shehla Rashid) एक बार फिर मुश्किल में हैं. दिल्ली के उप राज्यपाल वी के सक्सेना ने शहला रसीद के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है. उप राज्यपाल कार्यालय के मुताबिक, इंडियन आर्मी (Indian Army) के खिलाफ ट्वीट करके नफरत फैलाने के आरोप में शहला रसीद के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू की जाएगी. शहल रशीद लेफ्ट संगठन AISA की सदस्य रही हैं. वह जेएनयू छात्रसंघ की उपाध्यक्ष भी रही हैं.
दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना के दफ्तर की ओर से दी गई जानकारी के मताबिक, JNUSU की पूर्व उपाध्यक्ष और AISA की सदस्य रही शहला रशीद के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी गई है. उन पर आरोप है कि शहला ने भारतीय सेना के बारे में दो ऐसे ट्वीट किए थे जो अलग-अलग गुटों के बीच नफरत पैदा करने और शांति भंग करने वाले थे.
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2019 में दर्ज हुआ था केस
जिस मामले में शहला रशीद के खिलाफ कानूनी कार्यवाही होनी है वह साल 2019 का है. उस समय भी शहला पर आपत्तिजनक और फर्जी ट्वीट करने के आरोप लगे थे. शहला रशीद ने अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद दो ट्वीट करके भारतीय सेना पर गंभीर आरोप लगाए थे. हालांकि, बाद में उन्होंने अपने इन ट्वीट को मजाक बताया था.
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पिता ने लगाए थे गंभीर आरोप
जेएनयू से निकलने के बाद से शहला रशीद कश्मीर में अपने घर पर रहने लगी थीं. साल 2020 में उनके ही पिता ने आरोप लगाए थे कि उनको अपनी बेटी यानी शहला रशीद से जान का खतरा है. इसके बाद शहला ने ट्विटर पर लंबी-चौड़ी सफाई पेश की थी. शहला के पिता अब्दुल रशीद ने कहा था कि उन्होंने अपनी बेटी को कई बार समझाया कि वह टेरर फंडिंग में शामिल लोगों से दूर रहे. अब्दुल रशीद ने कहा कि इसके लिए उन्हें पैसे का लालच भी दिया गया कि पैसा ले लो और मुंह बंद रखो.
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