दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP Vs LG) औप लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना (LG VK Saxena) के बीच टकराव की नौबत आ गई है. एलजी ने गुरुवार को महिला आयोग के 223 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है. उपराज्यपाल का तर्क है कि दिल्ली महिला आयोग की अधयक्ष रहते हुए स्वाति मालीवाल ने इन नियुक्तियों में नियमों का पालन नहीं किया है. ये सभी नियुक्तियां नियमों को ताक पर रखकर की गई हैं.
स्वाति मालीवाल ने LG पर साधा निशाना
महिला आयोग के संविदा पर नियुक्त कर्मचारियों को निकाले जाने के फैसले पर आप की राज्यसभा सांसद और पूर्व DCW अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि महिला आयोग पर ताला लगाने की कोशिश है. एलजी साहब ने अचानक तुगलकी फरमान जारी किया है. महिला आयोग में 8 स्टाफ सरकार की ओर से नियुक्त किया गया है और बाकी स्टाफ की नियुक्ति 3-3 महीनों की संविदा पर होती है.
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उन्होंने यह भी कहा कि मेरे रहते हुए मैं कभी महिला आयोग को बंद नहीं होने दूंगी. स्वाति मालीवाल ने दिल्ली के एलजी से अपील की है कि महिलाओं के ऊपर उन्हें ऐसे जुल्म नहीं करना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि हमारे खून-पसीने से यह संस्थान बना है, इसे एलजी साहब को इस तरह से बर्बाद नहीं करना चाहिए.
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LG दफ्तर से जारी किया गया पत्र
एलजी दफ्तर की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि दिल्ली महिला आयोग में नियुक्त किए गए स्टाफ के लिए पहले से मंजूरी नहीं ली गई है. नियुक्ति प्रक्रिया के लिए जरूरी कार्रवाई का भी पालन नहीं किया गया है. इस मुद्दे को लेकर एलजी पर दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है.
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