Delhi Liquor Policy Case: मनीष सिसोदिया के लॉकर की हो रही तलाशी, CBI टीम PNB बैंक पहुंची

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Aug 30, 2022, 12:10 PM IST

CBI Raid on Manish Sisodia: शराब नीति घोटाला मामले में आज सीबीआई की टीम दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के बैंक लॉकर्स की तलाशी करेगी. सीबीआई की टीम गाजियाबाद स्थित पीएनबी बैंक पहुंच चुकी है.  

डीएनए हिंदीः दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. शराब नीति में घोटाले के आरोपों की जांच कर रही सीबीआई (CBI) आज सिसोदिया के बैंक लॉकरों की जांच करेगी. इसके लिए सीबीआई की एक टीम गाजियाबाद के वसुंधरा सेक्टर-4 की पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में पहुंच चुकी है. इस दौरान मनीष सिसोदिया और उनकी पत्नी भी मौजूद हैं. सूत्रों के मुताबिक सीबीआई मनीष सिसोदिया के सामने ही उनके लॉकर खोलेगी.  

क्या है मामला?
दिल्ली की एक्साइज पॉलिसी को लेकर दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, चुनिंदा नौकरशाहों और निजी कारोबारियों पर सीधे तौर पर रिश्वत लेने का आरोप लग रहा है. पिछले साल 15 अप्रैल को केजरीवाल सरकार इस पॉलिसी को लेकर आई थी. आरोप है कि शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए केजरीवाल कैबिनेट ने ये फैसला लिया था. वहीं, उपराज्यपाल कार्यलय का भी आरोप है कि ऐसा तभी संभव है जब आबकारी एवं वित्त मंत्री या इससे जुड़े बड़े अधिकारी को रिश्वत दी जाए. पिछले दिनों LG विनय सक्सेना ने इस मामले में सीबीई जांच की मांग की थी.

शराब कार्टेल को 144.36 करोड़ रुपये की छूट
सीबीआई सूत्रों का कहना है कि कोरोना महामारी का बहाना बनाकर केजरीवाल सरकार ने लाइसेंस फीस टेंडर पर शराब कार्टेल को 144.36 करोड़ रुपये की छूट दी. दिल्ली के उपराज्यपाल का कहना कि इस छूट के बदले सरकार को किकबैक और कमीशन मिला होगा. आरोप है कि मनीष सिसोदिया ने तब कैनिनेट को पॉलिसी में संशोधन करने के लिए खुद को अधिकृत करने का निर्णय लेने के लिए कहा ताकि लाइसेंस शुल्क में छूट दी जा सके.

पॉलिसी लाने में की गई जल्दबाजी
आरोप यह भी लगाया गया है कि इस अवैध पॉलिसी को वैध बनाने के लिए जल्दबाजी की गई. नई एक्साइज पॉलिसी को कैबिनेट में लाने के लिए 14 जुलाई को सुबह 9:30 बजे मुख्य सचिव के पास भेजा गया, जबकि कैबिनेट की मीटिंग 2 होनी थी. इसके लिए कोई कैबिनेट नोट प्रसारित नहीं किया गया. कानूनी तौर पर 48 घंटे पहले नोट को उपराज्यपाल के पास पहुंचाना जरूरी होता है. सिसोदिया शाम 5 बजे एलजी कार्यालय पहुंचे थे. इसके बाद उपराज्यपाल के अनुमोदन के बिना आबकारी विभाग द्वारा केवल मंत्री के निर्णय पर नई एक्साइज पॉलिसी को लागू कर दिया गया.

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