डीएनए हिंदी: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक नाबालिग बच्चे के साथ दरिंदगी की वारदात सामने आई है. नाबालिक लड़के साथ 5 लोग कई साल से कुकर्म कर रहे थे. यह केस सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आता है.
नाबालिग लड़के के साथ कई साल तक दरिंदगी होती रही. जब पुलिस के संज्ञान में यह मामला सामने आया तो केस की छानबीन शुरू हुई. बच्चे की मेडिकल जांच कराई गई है. पॉक्सो एक्ट और भारतीय दंड संहिता (IPC) की कई धाराओं के तहत आरोपियों पर केस दर्ज किया गया है. केस की छानबीन जारी है.
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क्या है पॉक्सो एक्ट?
साल 2012 में केंद्र सरकार ने नाबालिग बच्चों की दैहिक सुरक्षा के लिए पॉक्सो एक्ट पारित किया था. 18 साल के कम उम्र के बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न करने पर यह एक्ट प्रभावी होता है. यह गंभीर यौन अपराधों की श्रेणी में आता है. साल 2019 में मौजूदा कानून में संशोधन किया गया था. दोषियों के लिए मौत की सजा का प्रावधान भी रखा गया था.
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पहले नहीं थी मौत की सजा
पॉक्सो एक्ट में पहले मौत की सजा का प्रावधान नहीं था. साल 2019 में केंद्र सरकार ने इस अधिनियम में संशोधन किया और मौत की सजा का प्रावधान है. अगर इस कानून के तहत किसी को उम्रकैद की सजा सुनाई जाती है तो उसे जीवनभर जेल में ही रहना होता है. दुर्लभ मामलों में दोषी को फांसी की सजा भी सुनाई जा सकती है.
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