डीएनए हिंदी: सर्दियों में वायु प्रदूषण पर काबू करने के लिए दिल्ली एनसीआर (Delhi-Ncr) में प्लानिंग तैयार कर ली गई है और इस बार 15 दिन पहले ही ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान यानी ग्रैप लागू कर दिया जाएगा. यह ग्रैप मुख्य तौर पर 15 अक्टूबर से 15 फरवरी तक रहता है लेकिन इस बार इसे 15 दिन पहले यानी 1 अक्टूबर से ही लागू किया जाएगा. इसके साथ ही इस बार ग्रैप के प्रावधानों में भी कुछ विशेष बदलाव किए गए हैं जिससे प्रदूषण पर लगाम लगाई जा सकते हैं.
रियल टाइम एक्शन की तैयारी
दरअसल, पिछले साल तक पीएम 2.5 और पीएम 10 के एक विशेष स्तर पर पहुंचने पर ही एक्शन लिया जाता था लेकिनइस बार इसे काफी पहले ही लागू करने की तैयारी की गई हैं. इस बार मौसम के पूर्वानुमान के आधार पर प्रतबिंध से संबधित कदम उठाए जा रहे हैं.
अनुमानों की बात करें तो इसमें मौसम की स्थिति, हवा की गति, पराली जलाने की संख्या और अन्य स्रोतों से निकलने वाले प्रदूषण के आधार पर तीन दिन पहले ही प्रदूषण का पूर्वानुमान होगा और फिर उस समय की स्थिति के आधार पर सभी फैसले लिए जाएं जिससे रियल टाइम में प्रदूषण के खिलाफ एक्शन लिया जा सके.
कांग्रेस के G-23 ग्रुप ने आधी रात में क्यों की बैठक, क्या नामांकन के आखिरी दिन होगा खेल?
क्या होता है ग्रैप?
आपको बता दें कि प्रदूषण की रोकथाम के लिए वर्ष 2017 में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान यानी ग्रैप का गठन कर इसे लॉन्च किया गया था. इस ग्रैप द्वारा प्रदूषण का स्तर बढ़ने के साथ ही अलग-अलग प्रतिबंधात्मक उपायों को लागू किया जाता है और इसे अभी तक 15 अक्टूबर से 15 फरवरी के बीच लागू किया जाता था लेकिन इस बार इसे 15 दिन पहले ही लागू करने की तैयारी की जा रही है.
गंभीर स्थिति में लिए जाएंगे ये फैसले
जानकारी के मुताबिक इस बार प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर पाबंदी लगाई जा सकती है. इसके अलावा आवश्यक सामान लाने वाले भारी वाहनों को भी इससे छूट रह सकती है. वहीं दिल्ली एनसीआर के जिलों में डीजल के चारपहिया वाहनों पर भी प्रतिबंध लगाया सकता है. इसमें बीएस छह इंजन और आवश्यक सेवाओं में लगे वाहनों को छूट रहेगी.
हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस पार्टी को बताया 'एक्सपायर्ड ड्रग', लगाए कई गंभीर आरोप
इसके साथ ही उन औद्योगिक संस्थानों पर भी एक्शन लिया जाएगा जो कि स्वच्छ ईंधन का प्रयोग नहीं करेंगे. राजमार्ग, सड़क, पुल, ओवरब्रिज, बिजली पारेषण लाइन बिछाने आदि कार्यों में निर्माण और ध्वस्तीकरण के कार्यों पर भी पाबंदियां लगाई जा सकती हैं. इस मामले में विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र की निदेशक अनुमिता राय चौधरी ने बताया है कि ग्रैप के प्रावधानों में सकारात्मक बदलाव किए गए हैं. अब पूर्वानुमान के आधार पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई होगी. सभी विभागों और राज्यों को प्रदूषण की रोकथाम के लिए साल भर चलने वाले उपायों पर भी ध्यान केन्द्रित करना चाहिए.
नोएडा और हरियाणा में भी होगा एक्शन
इस बार वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए नोएडा में प्राधिकरण और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कई टीमें काम करेंगी. ये पाबंदियां चरणबद्ध तरीके से वायु प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए लागू की जाएंगी. वायु प्रदूषण बढ़ने पर एक बड़ी आबादी प्रभावित होगी और सोसाइटी में रहने वाले लोगों को भी दिक्कत होगी. इन स्थानों पर जनरेटर पर रोक लगाई जाएगी. वहीं निर्माण कार्य, हॉट मिक्स प्लांट, ईंट भट्ठे, बंद कर दिए जाएंगे.
मल्लिकार्जुन खड़गे को गांधी परिवार की हरी झंडी, आज कर सकते हैं नामांकन
इसके अलावा फरीदाबाद में भी एक अक्टूबर से ग्रैप को लागू किया जाएगा. इसको लेकर नगर निगम ने 20 टीमों का गठन किया है. इसके साथ ही खुले में निर्माण सामग्री रखने वालो पर भी शिकंजा कसा जाएगा. इस मामले में हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उद्योग सहित सोसायटियों को जनरेटर का इस्तेमाल नहीं करने के निर्देश दिए हैं जिससे दिल्ली-एनसीआर के आस-पास प्रदूषण को रोकने में आसानी हो.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.