दिल्ली-एनसीआर में फिर लागू होगा GRAP, 1 अक्टूबर से नहीं चलेंगी ये चीजें

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Sep 27, 2023, 11:26 AM IST

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GRAP in Delhi NCR: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण कम करने के लिए 1 अक्टूबर से डीजल जेनरेटर के इस्तेमाल पर रोक लगाई जा रही है.

डीएनए हिंदी: सर्दियों में होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली-एनसीआर में 1 अक्टूबर से GRAP (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) को फिर से लागू किया जा रहा है. इसी दिन से डीजल जेनरेटर चलाने पर रोक लागू हो जाएगी. सिर्फ वही जेनरेटर चलाए जा सकेंगे जो पीएनजी या बायो फ्यूल पर चलते हैं. डीजल जेनरेटर के अलावा प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों, कंस्ट्रक्शन साइट और अन्य निर्माण पर भी नजर रखी जाएगी. दिल्ली सरकार भी इस साल प्रदूषण रोकने के लिए विंटर एक्शन प्लान तैयार कर रही है. दिल्ली सरकार ने कहा है कि प्रदूषण बढ़ते ही GRAP को लागू कर दिया जाएगा.

दरअसल, GRAP में प्रदूषण के स्तर के आधार पर कुल चार स्टेज बनाए गए हैं. चौथे चरण के स्तर तक का प्रदूषण होने पर सख्त प्रतिबंध लागू किए जा सकते हैं और ट्रकों और डीजल गाड़ियों के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लग सकती है. इसके अलावा, निर्माण कार्यों पर भी रोक लागू किया जा सकता है.

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मुश्किल में हैं डीजल जेनरेटर के यूजर्स
डीजल जेनरेटर बंद किए जाने की वजह से नोएडा के उद्योग जगत में हजारों उद्यमियो में परेशानी और निराशा छाई हुई है क्योंकि उन्‍होंने अब भी अपना जेनसेट पीएनजी फ्यूल में कंवर्ट नहीं कराया है. इसका असर यह होगा कि एक घंटे बिजली नहीं रहने पर उद्यमियों को 500 करोड़ के राजस्व का नुकसान होगा. हाइराइज सोसाइटी में रहने वाले लोगों को भी बिना बिजली के रहने पड़ेगा क्योंकि 70 से ज्यादा सोसाइटी में पावर बैकअप डीजल जनरेटर के जरिए है.

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नोएडा-ग्रेटर नोएडा में मिलाकर करीब 12 से 15 हजार उद्योग हैं. इसके अलावा सोसाइटी और निजी संस्थान हैं. शहर में 40 हजार के आस-पास जनरेटर है जिनमें से अब तक करीब चार हजार ही पीएनजी फ्यूल में कनर्वट हो सके हैं. इसमें इंडस्ट्री के 1,500 जनरेटर शामिल हैं. इस स्थिति में अगर डीजल जनरेटर बंद हो जाएंगे तो उद्यम प्रभावित होगा. इसका सीधा असर एमएसएमई सेक्टर पर पड़ेगा. छोटे उद्योगों में 50-100 श्रमिक काम करते हैं यदि इकाईयां बंद होती हैं तो इसका श्रमिकों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा.

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