तृणमूल कांग्रेस ने सीबीआई, एनआईए, प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आयकर विभाग के प्रमुखों को बदलने की मांग को लेकर सोमवार को चुनाव आयोग के कार्यालय के बाहर धरना दिया. इस दौरान दिल्ली पुलिस ने कई नेताओं को हिरासत में ले लिया. टीएमसी के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए निर्वाचन आयोग (EC) की पूर्ण पीठ से मिलने के बाद धरने की घोषणा की थी.
तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन, मोहम्मद नदीमुल हक, डोला सेन, साकेत गोखले और सागरिका घोष, विधायक विवेक गुप्ता, पूर्व सांसद अर्पिता घोष, शांतनु सेन और अबीर रंजन विश्वास और पार्टी की छात्र शाखा की पश्चिम बंगाल इकाई के उपाध्यक्ष सुदीप राहा को हिरासत में ले लिया गया. तृणमूल कांग्रेस आरोप लगा रही है कि केंद्रीय जांच एजेंसियां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार के इशारे पर विपक्षी दलों को निशाना बना रही हैं.
टीएमसी ने बीजेपी पर लगाया गंभीर आरोप
डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, 'भाजपा हमारे खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है. जिस तरह से एनआईए, ईडी और सीबीआई काम कर रही हैं और टीएमसी नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है. वह शर्मनाक है. हम निर्वाचन आयोग से सभी राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने का अनुरोध करेंगे.' टीएमसी ने रविवार को चुनाव से पहले एनआईए और भाजपा के बीच मिलीभगत का आरोप लगाया था.
हालांकि, जांच एजेंसी ने इन आरोपों से इनकार किया और पूरे विवाद को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया था. NIA की टीम शनिवार को पूर्व मेदिनीपुर जिले के भूपतिनगर में साल 2022 में हुए विस्फोट के मामले में दो मुख्य संदिग्धों को गिरफ्तार करने गई थी, लेकिन भीड़ ने जांच एजेंसी की टीम पर कथित तौर पर हमला कर दिया था.
वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जांचकर्ताओं के द्वारा ग्रामीणों पर हमला किए जाने का आरोप लगाया, जिससे राजनीतिक विवाद छिड़ गया. (इनपुट- भाषा)
DNA हिंदी अब APP में आ चुका है. एप को अपने फोन पर लोड करने के लिए यहां क्लिक करें.
देश-दुनिया की Latest News, ख़बरों के पीछे का सच, जानकारी और अलग नज़रिया. अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप पर.