डीएनए हिंदी: दिवाली से पहले ही दिल्ली गैस चैंबर में तब्दील हो गई है. दिल्ली-एनसीआर की हवा पिछले कई दिनों से बेहद खराब की श्रेणी में है. दिल्ली में कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 को पार कर गया है. दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को देखते हुए कई तरह की पाबंदियां भी लगाई गई हैं. दिल्ली की जहरीली हवाल को देखते हुए लोगों से घर में रहने की अपील की गई है. खास तौर पर बच्चों और बुजुर्गों के लिए मौसम को देखते हुए घर में रहने का ही निर्देश दिया गया है. दिल्ली से सटे नोएडा में भी प्रदूषण खतरना स्तर पर है. दिवाली से पहले ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में हवा दमघोंटू हो चुकी है. फिलहाल आने वाले सप्ताह में भी दिल्ली के लोगों को प्रदूषण से राहत मिलने के आसार नहीं दिख रहे हैं.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उससे सटे दूसरे राज्यों के शहरों में भी वायु प्रदूषण गंभीर होता जा रहा है. राज्य सरकार से लेकर सरकारी विभाग प्रदूषण से निपटने के लिए कई कदम उठा रहे हैं. दिल्ली में ग्रैप 3 की पाबंदियां लागू कर दी गई हैं और निर्माण कार्य, ड्रिलिंग जैसे काम रोक दिए गए हैं. बसों की आवाजाही नियंत्रित की गई है ताकि कार्बन उत्सर्जन कम हो और दिल्ली मेट्रो के फेरे बढ़ा दिए गए हैं.
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वायु गुणवत्ता में सुधार की अभी नहीं दिख रही उम्मीद
हर साल ठंड बढ़ने और अक्टूबर-नवंबर के महीने में दिल्ली के आसपास के राज्यों में पराली जलाने की वजह से प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है. फिलहाल इससे तत्काल राहत के लिए जरूरी है कि या तो बारिश हो जाए या फिर किसी तरह से हवा की रफ्तार तेज हो जाए जिससे धूल के कण तेजी से हट जाएं. हालांकि मंगलवार तक दिल्ली-एनसीआर में बारिश की उम्मीद नहीं है और इस वजह से लोगों को राहत नहीं मिलेगी. दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता का आकलन करने के लिए CAQM ने एक मीटिंग भी बुलाई. सीएक्यूएम का अनुमान है कि आने वाले दिनों में प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है.
दिवाली से पहले ही बेदम हुए लोग
हर साल दिवाली के आसपास प्रदूषण की वजह से लोगों को काफी परेशान होना पड़ता है. इस साल दिवाली से दो सप्ताह पहले से ही लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो रहा है. दिल्ली में एक्यूआई ने शुक्रवार को कई इलाकों में एक्यूआई 700 के पार चला गया था वहीं शहर का औसत एक्यूआई 450 तक था. शनिवार को भी इसमें कोई राहत नहीं नजर आई और यह 400 से ऊपर ही रहा है जो कि बेहद खराब की श्रेणी में आता है. अस्पताल में सर्दी-खांसी, सांस की परेशानी वाले मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है.
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