Delhi Pollution: पंजाब, MP में जल रही पराली, दिल्ली में सांस लेना दूभर, वायु गुणवत्ता 'खतरनाक' स्थिति में

Written By मीना प्रजापति | Updated: Nov 02, 2024, 08:50 PM IST

दिल्ली में दिवाली के बाद हवा की स्थिति खरबा हो गई है. एक बार फिर दिल्ली की हवा खराब हो गई है. वायु गुणवत्ता 'खतरनाक' स्तर पर पहुंच गई है. ये बढ़ोतरी पराली जलाने की बढ़ रही घटनाओं के कारण है.

एक बार फिर दिल्ली की हवा खराब हो गई है. वायु गुणवत्ता 'खतरनाक' स्तर पर पहुंच गई है. ये बढ़ोतरी पराली जलाने की बढ़ रही घटनाओं के कारण है. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मीटियोरोलॉजी (IITM) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के एयर पॉल्यूशन में पराली जलाने का योगदान 1 नवंबर को 35.2 प्रतिशत हो गया था, जो पिछले दिनों 31 अक्टूबर को 27.6 फीसदी था, जो इस मौसम का उच्चतम स्तर है. ये स्थिति कृषि राज्य पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं के चलते खराब हुई है. 

दिल्ली-एनसीआर, पंजाब और हरियाणा में बढ़ा AQI
दिवाली के बाद फसल अवशेष जलाने की गतिविधियों में काफी वृद्धि हुई है, जिससे पंजाब, हरियाणा और दिल्ली एनसीआर के विभिन्न जिलों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के स्तर में चिंताजनक वृद्धि हुई है. 2 नवंबर को दिल्ली में AQI 316 दर्ज किया गया, जो खतरनाक वायु गुणवत्ता स्तर को दर्शाता है, जो गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है. गाजियाबाद में AQI और भी अधिक 330 दर्ज किया गया, जबकि लुधियाना की वायु गुणवत्ता को 339 AQI के साथ 'बहुत अस्वस्थ' करार दिया गया.

पंजाब का अमृतसर सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक के रूप में उभरा, जहां AQI 368 था, जो गंभीर स्थितियों का संकेत देता है. इस स्तर पर लोगों में सांस संबंधी बीमारियों को और भी बदतर बना सकती हैं. चंडीगढ़ में 277 का चिंताजनक AQI दर्ज किया गया, जो मौजूदा संकट के व्यापक प्रभाव को दर्शाता है. जींद और श्रीगंगानगर जैसे अन्य जिलों में भी क्रमशः 337 और 333 के उच्च AQI स्तर दर्ज किए गए.


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बढ़ी पराली जलाने की घटनाएं
सैटेलाइट रिमोट सेंसिंग ने 5 भारतीय राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं में उल्लेखनीय बढ़ोतरी का खुलासा किया. 2 नवंबर 2024 को सैटेलाइट ने 861 ऐसी घटनाओं का पता लगाया. इन घटनाओं में पंजाब सबसे आगे रहा. पंजाब में पराली जलाने की 379 घटनाएं सामने आईं, जबकि हरियाणा में 19, उत्तर प्रदेश में 87, राजस्थान में 80 और मध्य प्रदेश में 296 पराली जलाने की घटनाएं शामिल हैं. मध्य प्रदेश में 296 केस सामने आए. 

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