Delhi Pollution: ऑड-ईवन पर भड़का सुप्रीम कोर्ट, दे डाली बुलडोजर चलाने की चेतावनी

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Nov 07, 2023, 01:34 PM IST

Supreme Court

Supreme Court on Pollution: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण को रोकने के लिए सभी राजनीतिक दल दिवाली से पहले मीटिंग करें और पॉल्यूशन को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएं.

डीएनए हिंदी: देश की राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर समय राजनीतिक लड़ाई नहीं चल सकती. प्रदूषण को रोकने के लिए सरकारों को सख्त कदम उठाने होंगे. अगर ऐसा नहीं किया गया तो हमें बुलडोजर शुरू करना पड़ेगा. जस्टिस कौल ने कहा कि अगर अदालत का बुलडोजर शुरू हो गया तो 15 दिन से पहले रुकेगा नहीं. सर्वोच्च अदालत ने कहा कि सभी राजनीतिक दल दिवाली से पहले मीटिंग करें और प्रदूषण को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएं.

सुप्रीम कोर्ट दिल्ली एनसीआर समेत देशभर भर के अन्य शहरों में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर सुनवाई कर रहा था. जस्टिस एसके कौल ने कहा कि सभी लोगों को स्वस्थ हवा में सांस लेने का हक है और इसे प्रदान करना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है. लेकिन राज्य और केंद्र सरकार एक-दूसरे पर आरोप लगाने में जुटी हैं. पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए सर्वोच्च अदालत ने कहा कि ये राजनीतिक लड़ाई का मैदान नहीं है. राजनीतिक का ब्लेम गेम रोकें और एक साथ बैठकर प्रदूषण को रोकने पर चर्चा करें.

Odd-Even को लेकर सख्त टिप्पणी
प्रदूषण पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ऑड-ईवन को लेकर भी सख्त टिप्पणी की. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण को रोकने के लिए ऑड-ईवन अवैज्ञानिक फॉर्मूला है. जस्टिस कौल ने दिल्ली सरकार से पूछा कि राजधानी में स्मॉग टावर को कब चालू किया जाएगा? इनके बंद करने के पीछे जो भी अधिकारी जिम्मेदार हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि राजधानी में कई जगह कूड़ा जलाने की खबरें आ रही हैं. सरकार उन्हें रोकने के लिए क्या कदम उठा रही है. कल सभी कैबिनेट सचिव और  राज्यों के अधिकारी बैठक करें.

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पराली जलाने पर तुरंत लगे रोक
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को  पराली जलाने पर तत्काल रोक सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा कि दिल्ली साल दर साल इस स्थिति से नहीं जूझ सकती. पीठ ने पंजाब सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील से कहा, 'हर बार राजनीतिक लड़ाई नहीं हो सकती.अदालत ने दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि नगर निगम का ठोस कचरा खुले में न जलाया जाए. दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से संबंधित एक मामले की सुनवाई करते हुए, पीठ ने फसल अवशेष जलाने, वाहन प्रदूषण और खुले में कचरा जलाने जैसे मुद्दों को उठाया. इस मामले में अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी.

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