डीएनए हिंदी: देश की राजधानी दिल्ली में बाढ़ के बाद चिलचिलाती गर्मी ने लोगों की परेशानी बढ़ा रखी है. हालात ऐसे हैं कि लोगों का घरों से निकलना दुश्वार हो गया है. तेज गर्मी की वजह से शुक्रवार को दिल्ली में बिजली की डिमांड (Delhi Electricity Demand) 7,398 मेगावॉट पार पहुंच गई. यह इस साल अबतक की सर्वाधिक मांग है. इससे पहले तापमान बढ़ोतरी की वजह से मंगलवार यानी 13 जून को राजधानी में बिजली की खपत पहली बार 7,000 मेगावॉट तक पहुंच गई थी.
राज्य भार प्रेषण केंद्र (SLDC) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में अधिकतम बिजली की मांग शुक्रवार दोपहर 3 बजकर 10 मिनट पर 7,398 मेगावॉट पर पहुंच गई. इससे पहले 14 जून को बिजली की मांग 7,226 मेगावॉट पहुंच गई थी. दिल्ली में पिछले साल जून में बिजली की सर्वाधिक मांग 7,601 मेगावाट रही थी. शहर की बिजली वितरण कंपनियों ने इस मौसम में बिजली की मांग के 8,100 मेगावॉट तक पहुंचने का अनुमान लगाया है.
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बिना कटौती के बिजली की मांग पूरी
दिल्ली में बिजली वितरण करने वाली कंपनियों बीएसईएस राजधानी पावर लि. (बीआरपीएल) और बीएसईएस यमुना पावर लि. (बीवाईपीएल) ने सफलतापूर्वक बिजली की मांग पूरी की. दिल्ली के उत्तरी भाग में बिजली वितरण करने वाली टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमेटिड (टीपीडीडीएल) के एक प्रवक्ता ने बताया कि कंपनी ने बिना बिजली कटौती के 2,163 मेगावॉट की अधिकतम मांग पूरी की.
BSES दक्षिण, पश्चिम, पूर्व और मध्य दिल्ली में बिजली वितरण करती है. बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए तमिलनाडु, केरल, मेघालय, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों के साथ दीर्घकालिक बिजली व्यवस्था की गई है.
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बाढ़ से जूझ रहा दिल्ली, युमना का जलस्तर फिर बढ़ा
राष्ट्रीय राजधानी में यमुना का जल स्तर शुक्रवार को एक बार फिर 205.33 मीटर के खतरे के निशान को पार कर गया. इससे बाढ़ प्रभावित निचले इलाकों में बाढ़ पीड़ितों के पुनर्वास के प्रयासों में देरी हुई. केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के आंकड़ों के मुताबिक, शुक्रवार शाम छह बजे यमुना का जल स्तर 205.34 मीटर तक पहुंच गया और रात 12 बजे तक इसके 205.45 तक पहुंचने की संभावना है. राष्ट्रीय राजधानी में बाढ़ की वजह से करीब 25 हजार लोग प्रभावित है. इनमें से कई हजार लोगों को राहत शिविर में रहना पड़ रहा है.
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