डीएनए हिंदी: दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के नेतृत्व चल रही आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार पर भ्रष्टाचार कई आरोप लगे हैं. इसको लेकर सीबीआई (CBI) अलग अलग केसों में जांच कर रही हैं. वहीं अब पंजाब की नई भगवंत मान सरकार (Bhagwant Mann Government) पर भी शराब नीति को लेकर 500 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगने लगे हैं जिससे पार्टी अब एक नहीं बल्कि दो राज्यों में मुसीबतों में घिरती नजर आ रही है.
दरअसल, शराब नीति को लेकर पंजाब में भगवंत मान सरकार पर शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा है कि SAD पंजाब के राज्यपाल से 500 करोड़ रुपये के आम आदमी पार्टी (AAP) के कथित शराब घोटाले को लेकर कार्रवाई की मांग करेगी. बादल ने कहा, "इसके अलावा उनकी पार्टी पंजाब में शराब कार्टेल से आप को प्राप्त कथित रिश्वत को लेकर CBI और ED के पास शिकायत दर्ज करने की मांग करेगी.
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दिल्ली के नेताओं पर भी लगाए आरोप
आपको बता दें कि पंजाब में अकाली दल लगातार सीएम भगवंत मान के खिलाफ हमला बोल रहा है. सुखबीर बादल ने कहा, "दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और सांसद राघव चड्ढा सहित सभी राजनीतिक नेताओं के साथ-साथ घोटाले में मदद करने वाले पंजाब सरकार के अधिकारियों के खिलाफ एक स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए क्योंकि शराब की भ्रष्टाचार वाली नीति में शामिल हैं.
उन्होंने कहा है कि जिस तरह से दिल्ली में आबकारी नीति बनाई गई थी ठीक उसी तरह पंजाब में भी आबकारी नीति अपनाई गई थी. इशको लेकर सुखबीर बादल ने उन्होंने कहा, "दिल्ली राज्य की तरह, लगभग पूरे शराब व्यापार को दो कंपनियों को सौंप दिया गया है." उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में दो कंपनियों को ही शराब का सारा कॉन्ट्रैक्ट दे दिया गया है जिसमें भ्रष्टाचार के संकेत हैं.
दो कंपनियों को पहुंचाया गया लाभ
सुखबीर सिंह बादल ने आरोप लगाया कि कॉन्ट्रैक्ट वाली दोनों ही कंपनियों के प्रॉफिट मार्जिन को दोगुना कर दिया गया जिससे इसका फायदा उठाया जा सके. बादल ने कहा, "पंजाब में आप सरकार और दिल्ली में आप आलाकमान को सैकड़ों करोड़ वापस दिए गए हैं."
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आबकारी नीति का उल्लेख करते हुए बादल ने कहा, 'यह निर्धारित करता है कि प्रत्येक शराब कंपनी राज्य में अपने उत्पादों को बेचने के लिए एक लाइसेंसधारी का चयन करेगी और लाइसेंसधारी भारत या विदेश में निमार्ता नहीं होना चाहिए. यह भी कहा गया है कि लाइसेंसधारियों का सालाना टर्नओवर कम से कम 30 करोड़ रुपये होना चाहिए और पंजाब के खुदरा बाजार में उनकी कोई हिस्सेदारी नहीं होनी चाहिए जिसने पंजाब के शराब व्यापारियों को दौड़ से बाहर कर दिया है. जो कि कुछ लोगों का लाभ पहुंचाने का प्रयास है.
दिल्ली की तरह ही हुआ भ्रष्टाचार
गौरतलब है कि पंजाब की शराब नीति को लेकर अकाली दल के नेता ने बड़ा इल्जाम मनीष सिसोदिया और राघव चड्ढा पर लगाया है. उनका कहना है कि उनकी देखरेख में ही दिल्ली की तरह ही पंजाब के लिए शराबनीति बनाई गई थी और इसमें करीब 500 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार के आरोप हैं. आपको बता दें कि दिल्ली में शराब नीति को लेकर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया मुसीबतों में घिरे हैं उनके ठिकानों पर हाल ही में सीबीआई ने छापेमारी भी की थी.
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