डीएनए हिंदी: Monsoon Alert- राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में गुरुवार को भी बुधवार जैसा ही नजारा देखने को मिला. दिन में सूरज की तपिश से जहां जीना मुहाल हो गया, वहीं शाम को तेज हवाओं के साथ बारिश की बूंदों ने सभी को भिगो दिया. इससे पारे में भी कमी आ गई और गर्मी से राहत मिलती दिखाई दी. भारतीय मौसम विभाग का अनुमान है कि दिल्ली समेत देश के 15 राज्यों में मई के आखिरी सप्ताह के दौरान ऐसा नजारा बार-बार देखने को मिल सकता है यानी बारिश की बूंदे भिगोती रहेंगी. हालांकि मौसम विभाग ने इसे मानसून सीजन के लिहाज से अच्छे संकेत नहीं बताया है. विभाग का अनुमान है कि इस समय होने वाली बारिश के चलते मानसून में कमजोरी देखने को मिल सकती है, जिससे कम बारिश होगी.
बारिश के साथ चली तेज हवाएं
दिल्ली में बुधवार रात हुई बारिश के कारण सुबह करीब 26 डिग्री सेल्सियस तापमान था, लेकिन सूरज के चढ़ने के साथ ही तापमान भी बढ़ता चला गया. दिन में अधिकतम तापमान ने 36 डिग्री सेल्सियस पारा छू लिया था. हालांकि दोपहर बाद फिर से तापमान में गिरावट दिखाई दी. शाम को अचानक मौसम बदला और तेज हवाएं चलने लगीं. तेज हवाओं के बाद बारिश की बूंदों ने पूरे दिल्ली एनसीआर को अपनी जद में ले लिया. हरियाणा के रेवाड़ी में ओलावृष्टि होने की भी सूचना है.
पहाड़ों पर होगी भारी बारिश, बाकी जगह हल्की बूंदें पड़ेंगी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, मई के आखिरी सप्ताह के दौरान दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में बारिश बार-बार देखने को मिलती रहेगी. IMD ने इस दौरान उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के पहाड़ों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, जबकि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश आदि में कहीं मध्यम से भारी बारिश देखने को मिल सकती है.
मानसून पड़ रहा है कमजोर
IMD के ताजा अपडेट के मुताबिक, मानसूनी हवाएं 6 दिन से भारत से करीब 425 किलोमीटर दूर नानकोवरी द्वीप के आसपास अटकी हुई हैं. विपरीत परिस्थितियों के कारण मानसून कमजोर पड़ रहा है और आगे नहीं बढ़ पा रहा है. अरब सागर से बने चक्रवात के कारण आ रही नम हवाओं से भारत में जगह-जगह बारिश हो रही है. 23 मई से एक्टिव हुए वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के कारण मई के आखिरी दिनों में पूरे उत्तर भारत में लू भी नहीं चल रही है. सामान्य से करीब 4-5 डिग्री कम तापमान चल रहा है. ये सारी परिस्थितियां भी मानसून को प्रभावित करेंगी. गर्मी नहीं पड़ने के कारण और लगातार बारिश के चलते जमीन में नमी ज्यादा है और तापमान कम है. इससे मानसूनी हवाओं के खिंचकर आने के लिए आवश्यक सिस्टम नहीं बन पा रहा है. ऐसा ही रहा तो इस बार मानसून तय समय से और भी ज्यादा देरी से भारत पहुंचेगा और इसके बाद उसके ज्यादा बारिश नहीं करने के आसार बन रहे हैं.
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