डीएनए हिंदी: गुजरात में भारी तबाही मचाने वाले चक्रवाती तूफान बिपरजॉय (Biporjoy Cyclone) का असर अब दिल्ली-एनसीआर में भी दिखने लगा है. दिल्ली समेत आसपास के इलाकों में शुक्रवार दोपहर से तेज हवाओं के साथ झमाझम बारिश हो रही है. राजधानी में कई जगह पेड़ टूटने की घटनाएं सामने आई हैं. जिसकी वजह से यातायात प्रभावित हो गया है. मौसम विभाग ने पहले ही चक्रवात बिपरजॉय का असर कई राज्यों में पड़ने का पूर्वानुमान व्यक्त किया था.
हालांकि, इस बारिश से लोगों को गर्मी से बड़ी राहत भी मिली है. दिल्ली के सड़कों पर कुछ लोग बारिश का लुफ्त उठाते नजर आए. क्योंकि राजधानी और आसपास इलाकों में पिछले कुछ दिनों से भीषण गर्मी और लू देखी जा रही थी. गर्मी ने लोगों का घरों से निकलान दुष्वार कर दिया था. मौसम विभाग ने बताया कि आरके पुरम, डिफेंस कॉलोनी, लोदी रोडड लातपत नगर, हौजखास, यूपी के गाजियाबाद, इंदरापुरम, नोएडा और हरियाणा के फरीदाबाद और गुरुग्राम समेत कई इलाकों में तेज बारिश हुई है.
20 जून तक रहेगी राजधानी में बारिश
तेज बारिश की वजह से राजधानी के कई हिस्सों में जलभराव हो गया है. ट्विटर पर एक वायरल हो रहा है. जिसमें आश्रम फ्लाईओवर पर पानी भरा देखा जा सकता है. आईएमडी के अनुसार, अगले 3-4 दिन यानी 20 जून तक दिल्ली में हल्की बारिश की संभावना बनी हुई है. आसमान में बादल छाए रहेंगे. इसके साथ ही तापमान 35 डिग्री से ऊपर नहीं जाएगा. 18 और 19 जून को बारिश के साथ तेज आंधी की संभावना है. बता दें कि राजधानी में गुरुवार सुबह से आंशिक तौर पर बादल देखने को मिल रहे थे. गुरुवार को भी कुछ इलाकों में बूंदाबांदी हुई. लोदी रोड पर बीते 24 घंटों के दौरान 1.8 एमएम बारिश दर्ज की गई.
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गुजरात में तूफान से कितना हुआ नुकसान
वहीं गुजरात में चक्रवाती तूफान बिपरजॉय तबाही मचा रहा है. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) के महानिदेशक अतुल करवाल ने शुक्रवार को कहा कि गुजरात में बिपरजॉय की वजह से 23 लोग विभिन्न घटनाओं में घायल हो गए हैं. राज्य के कम से कम 1 हजार गांवों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है. चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ के कारण तेज हवाएं चलने और भारी बारिश होने से कच्छ और सौराष्ट्र के इलाकों में भारी तबाही हुई है. उन्होंने बताया कि चक्रवाती तूफान के जखौ बंदरगाह के निकट पहुंचने की प्रक्रिया गुरुवार शाम करीब 6.30 बजे शुरू हुई और देर रात दो बजकर 30 मिनट तक चली. इस दौरान पूरे कच्छ जिले में भारी बारिश हुई.
एनडीआरएफ के महानिदेशक ने कहा कि राज्य के कम से कम एक हजार गांव बिजली संकट का सामना कर रहे हैं. इनमें 40 प्रतिशत बिजली संकट अकेले कच्छ जिले में है. करवाल ने कहा,‘‘ 500 कच्ची अथवा फूस की झोपड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई हैं, कुछ पक्के मकानों को भी नुकसान पहुंचा है और 800 पेड़ उखड़ गए हैं. हमारी और राज्य आपदा मोचन बल की टीम हालात को सामान्य बनाने और प्रभावितों की मदद के लिए काम कर रही हैं.’ उन्होंने कहा कि राज्य में अधिकतर सड़क मार्ग साफ है और सेलफोन नेटवर्क अब भी काम कर रहे हैं.
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