कांग्रेस ने दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) में 'मनुस्मृति' को पढ़ाए जाने का प्रस्ताव खारिज होने के बाद शुक्रवार को बीजेपी पर निशाना साधा. कांग्रेस ने कहा कि इस तरह की नौटंकी से बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस घटनाक्रम के माध्यम से स्थिति का अंदाजा लगाने की कोशिश की है.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि किसी को भ्रम में नहीं रहना चाहिए क्योंकि यह भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की मानक संचालन प्रक्रिया है और शुरुआत भर है.
जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, 'आरएसएस और बीजेी की मानक संचालन प्रक्रिया. दिल्ली यूनिवर्सिटी के लॉ फैकल्टी के जरिए यह प्रस्ताव लाया गया कि कॉलेजों में मनुस्मृति पढ़ाई जाए. जैसा कि अनिवार्य रूप से होना था, जोरदार विरोध हुआ और आपत्तियां दर्ज की गईं. दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया. शिक्षा मंत्री उनका समर्थन करते हैं.'
'BJP ने ट्रायल बैलून छोड़ा था'
उन्होंने आगे कहा, 'इस नौटंकी से किसी को बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता है. ‘नॉन-बायोलॉजिकल’ प्रधानमंत्री और शिक्षा मंत्री ने इस पूरे घटनाक्रम के माध्यम से ट्रायल बैलून छोड़ा हैं. किसी भी तरह के भ्रम में न रहें. यह सिर्फ शुरुआत है.'
दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपति योगेश सिंह ने शुक्रवार को कहा था कि एलएलबी छात्रों को मनुस्मृति पढ़ाए जाने का प्रस्ताव खारिज कर दिया गया, क्योंकि यह उचित नहीं पाया गया. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि यूनिवर्सिटी के विधि पाठ्यक्रम में मनुस्मृति को शामिल करने के प्रस्ताव को कुलपति ने खारिज कर दिया है और ऐसी किसी योजना का समर्थन नहीं किया गया. (PTI इनपुट के साथ)
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