दिल्ली में जल संकट (Delhi Water Crisis) को लेकर स्थिति बेहद दयनीय हो चुकी है. स्थिति इतनी विकट है कि आम जनता अब खुद को लाचार महसूस कर रही है. एक तो भीषण गर्मी की मार और दूसरी तरफ बूंद-बूंद पानी को लेकर मोहताज हो रहे लोग. इस मसले को लेकर सियासत भी जमकर हो रही है. जनता को समाधान मिले न मिले लेकिन राजनीति जरूर देखने को मिल रही है. आरोप-प्रत्यारोप का दौर बदस्तूर जारी है. सभी पर्टियां एक-दूसरे के खिलाफ प्रदर्शन करती नजर आ रही है. इस समस्या को लेकर दिल्ली की आप सरकार की तरफ से लगातार हरियाणा (Haryana) की बीजेपी सरकार आराप लगाए जा रहे हैं. वहीं, इसबार दिल्ली की सरकार ने अपने इस पड़ोसी राज्य से पानी देने गुजारिश की थी. इसको लेकर दोनों राज्यों के अधिकारियों की तरफ से बैठक भी हुई, लोकिन इस बैठक से भी कुछ हासिल नहीं हो सका, और मीटिंग असफल ही रही.
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दोनों राज्यों के अधिकारियों के बीच हुई थी मीटिंग
इस मीटिंग को लेकर दिल्ली जल बोर्ड की तरफ से अधिकारिक बयान जारी करके स्थिति के बारे में बताया गया है. बयान में कहा गया है कि हरियाणा सरकार की ओर से वर्तमान जल संकट की स्थिति में दिल्ली को एक्सट्रा पानी देने से सीधा मना कर दिया है. पानी की किल्लत की समस्या को हल करने के लिए दिल्ली सरकार के अधिकारियों की एक टीम चंडीगढ़ में हरियाणा सरकार के प्रमुख सचिव के साथ मीटिंग की थी. इस मीटिंग में दिल्ली सरकार ने हरियाणा सरकार से अतिरिक्त पानी देने का अनुरोध किया था.
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