दिल्ली में जल संकट (Delhi Water Crisis) को लेकर स्थिति लगातार बद से बदतर होती जा रही है. एक तरफ खतरनाक गर्मी और दूसरी तरफ पानी की किल्लत. आम जनता इस दोहरी मार से त्रस्त है. वहीं, जल संकट को लेकर सियासी घमासान अपने चरम पर है. इस मुद्दे को लेकर BJP और AAP एक दूसरे को घेर रही है. साथ ही कल कांग्रेस की तरफ से दिल्ली की आप सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किए गए. लोकसभा चुनाव में आप के साथ मिलकर लड़ने वाली कांग्रेस पार्टी ने कल दिल्ली में 280 ब्लॉक में मटका फोड़ प्रदर्शन का आयोजन किया था.
आरोप -प्रत्यारोप से लकर प्रदर्शन तक, सियासी घमासान जारी
ये प्रदर्शन दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव की अगुवाई में किए गए. बीजेपी की तरफ से आज दिल्ली के 14 इलाकों में आप सरकार के खिलाफ मटका फोड़ प्रदर्शन किए जा रहे हैं. दिल्ली में व्याप्त जल संकट के लिए बीजेपी ने दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. बीजेपी के नेता और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत राज्य की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 'दिल्ली में जल संकट की स्थिति सिर्फ और सिर्फ पानी के कुप्रबंध की वजह से बनी हुई है.' दिल्ली की आप सरकार इस मसले को लेकर लगातार हरियाणा की बीजेपी की सरकार को दोषी ठहरा रही है.
आप सरकार ने लगाया साजिश का आरोप
दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने दिल्ली जल संकट को बनाए रखने के लिए साजिश रचे जाने की बात कही है. साथ ही दिल्ली पुलिस से मांग की है कि वो मुख्य वाटर पाइपलाइन की सुरक्षा दें. इस संबंध में आतिशी ने कहा है कि 'कल साउथ दिल्ली की पाइपलाइन में षडयंत्र के तहत 5 बोल्ट काटे गए, इस वजह से काफी पानी बह गया और इससे साउथ दिल्ली को आज 25% पानी कम प्राप्त हो पाया है.'
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दिल्ली की जनता बदहाली और बेचारगी को मजबूर
दिल्ली के सभी इलाके ड्राई जोन में तब्दील हो चुके हैं. चाहे वो पूर्वी दिल्ली हो या पश्चिमी दिल्ली, उत्तरी दिल्ली हो या दक्षिणी दिल्ली, सेंट्रल दिलली हो या यमुना पार का इलाका हो. हर जगह लोगों में बेचारगी दिखाई पड़ती है. बदहाली की स्थिति का अलम ये है कि बच्चे प्यास से रो रहे होते हैं. कई इलाकों में तो बाजार तक में पानी उपलब्ध नहीं है. पानी को लेकर लोग आपस में भिड़ जा रहे हैं, हंगामे की स्थिति बनी हुई है.
चाणक्यपुरी के विवेकानंद कैंप में आज जनता पानी की किल्लत से बुरी तरह से परेशान है. लोग यहां बूंद-बूंद को मोहताज हैं. पानी का टैंकर देखते ही लोग उसपर झपट पड़ते हैं. टैंकर के ऊपर धक्का-मुक्की का माहौल बना रहता है. ऐसे ही हालात गोविंदपुरी और ओखला जैसे इलाकों के भी हैं. लोग तपती गर्मी में यहां घंटों पानी टैंकर का इंतजार कर रहे होते हैं. कई जगहों पर ये स्थिति है कि लोग निजी टैंकरों से पानी मंगवाने को मजबूर हैं. कई इलाकों में टैंकर माफियाओं की सक्रियता अभी भी बनी हुई है.
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