डीएनए हिंदी: सर्दियों की शुरुआत से ही प्रदूषण का खतरा पैदा होने लगता है. दिल्ली में यह खतरा साल दर साल और भी बढ़ता जा रहा है. बीते दिनों मानसून के अक्टूबर के शुरुआती हफ्तों तक बने रहने के कारण AQI में सुधार रहा है. मगर अब फिर से दिल्ली की हवा जहरीली हो रही है. दिल्ली में एयर क्वालिटी खराब श्रेणी में पहुंच गई है. सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के मुताबिक दिल्ली में आज सुबह AQI 262 पर दर्ज हुआ है.
दिवाली के दौरान बढ़ जाता है प्रदूषण
दिल्ली आने के साथ ही दिल्ली का प्रदूषण स्तर भी बढ़ जाता है. आने वाले दिनों में इसके और खराब होने की आशंका है. हर साल अक्टूबर की शुरुआत से ही दिल्ली में कई कारणों से प्रदूषण बढ़ता है. पराली जलाना और स्मॉग इसके मुख्य कारण हैं. शुक्रवार को दिल्ली में AQI खराब श्रेणी में ही दर्ज किया गया था. बता दें कि AQI 0 से 50 के बीच रहे तो इसे अच्छी श्रेणी में रखा जाता है. 51 से 100 के बीच रहने पर संतोषजनक, जबकि 101 से 200 के बीच मध्यम माना जाता है. हवा की क्वालिटी 201 से 300 के बीच रहती है तो यह खराब श्रेणी में आता है और 301 से 400 के बीच बेहद खराब. 401 से 500 के बीच की एयर क्वालिटी इंडेक्स गंभीर श्रेणी में आता है.
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'रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ'
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण की इस समस्या से निपटने के लिए कई उपाय किए हैं. इसके लिए GRAP लागू किया गया है. GRAP का मतलब है ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान. इसके तहत प्रदूषण रोकने के लिए जरूरी कई तरह की पाबंदियां लगाई जाती हैं. इन पाबंदियों की अनदेखी करने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई भी की जाती है.
इसके अलावा 28 अक्टूबर से 'रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ' नाम का कैंपेन भी शुरू किया जाएगा. इस कैंपेन के पीछे वजह हैं कुछ आंकड़े, जिनके अनुसार दिल्ली की प्रदूषित हवा में जहर घोलने के पीछे एक बड़ा कारण परिवहन सेक्टर भी है. दिल्ली की हवा मेंPM2.5 की 28% मात्रा इसी की वजह से पैदा होती है. वहीं पेट्रोलियम कंजर्वेशन रिसर्च एसोसिएशन (PCRA) के आंकड़े बताते हैं कि अगर लोग ट्रैफिक सिग्नल पर गाड़ी का इंजन बंद कर दें तो इससे प्रदूषण के स्तर में 13-20% की कमी हो सकती है.
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