रेप मामले में सजा काट रहे Ram Rahim को 40 दिन की पैरोल, चुनावों से ठीक पहले की 'रियायत' पर उठे सवाल 

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Oct 15, 2022, 11:50 AM IST

गुरमीत राम रहीम (फाइल फोटो)

Gurmeet Ram Rahim Parole: डेरा सच्चा सौदा चीफ राम रहीम एक बार फिर से पैरोल पर बाहर आ गया है. इस बार उसे 40 दिन की पैरोल मिली है.

डीएनए हिंदी: बलात्कार और यौन शोषण के मामले में राम रहीम (Ram Rahim) को 20 साल की सजा सुनाई गई है. डेरा सच्चा सौदा (Dera Sachcha Sauda) का मुखिया राम रहीम एक बार फिर से पैरोल पर जेल से बाहर आ गया है. एक साल में तीसरी बार और चुनावों के आसपास ही राम रहीम को पैरोल मिलने पर सवाल उठाए जा रहे हैं. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने हरियाणा सरकार पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि वह जानबूझकर राम रहीम को रियायत दे रही है. हरियाणा में स्थानीय निकाय और आदमपुर विधानसभा का उपचुनाव होने है. ऐसें में राम रहीम को पैरोल मिलना काफी अहम माना जा रहा है.

जेल से बाहर आने के बाद राम रहीम उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के बरनावा में बने डेरा सच्चा सौदा के आश्रम में पहुंच गया है. कहा जा रहा है कि 40 दिन वह यहीं रहेगा. रेप के मामले में दोषी करार दिया जा चुका राम रहीम, इन दिनों हरियाणा की सुनारिया जेल में बंद था. राम रहीम को 20 साल की सजा सुनाई गई है. हालांकि, बीते पांच सालों में वह कई बार पैरोल पर बाहर आ चुका है.

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साल भर में तीसरी बार मिली पैरोल
राम रहीम को एक साल के भीतर तीसरी बार पैरोल मिल गई है. इससे पहले, उसे पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले 21 दिन की पैरोल मिली थी, जब वह गुरुग्राम डेरे में रहा. फिर, जून महीने में 30 दिन की पैरोल मिली. अब हरियाणा में नगर निगम सहित स्थानीय निकायों के चुनाव और आदमपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है. अब राम रहीम को एक बार फिर से 40 दिन की पैरोल दी गई है.

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राम रहीम के खिलाफ क्या है मामला?
डेरा चीफ गुरमीत राम रहीम को अपने सिरसा आश्रम में दो महिला अनुयायियों से रेप का दोषी पाया गया था. अगस्त 2017 में सीबीआई की विशेष अदालत ने उसे सजा सुनाई थी. इसके अलावा, उसे साल 2002 में डेरा प्रबंधक रहे रंजीत सिंह की हत्या की साजिश रचने का भी दोषी करार दिया गया था. साल 2016 में उसे एक पत्रकार की हत्या के मामले में भी दोषी पाया गया था. राम रही को कुल 20 साल की सजा सुनाई गई है, जिसे वह सुनारिया जेल में काट रहा है.

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कब दी जाती है पैरोल और फरलो?
आपको बता दें कि पैरोल में कैदी को कम समय के लिए अस्थायी रूप से छोड़ा जाता है, ताकि वह अपने परिवार और समुदाय से जुड़ा रह सके. पैरोल के दौरान जेल से बाहर बिताए गए समय को सजा के रूप में नहीं गिना जाता. वहीं, फरलो को कैदी के अच्छे आचरण और अनुशासन की वजह से मंजूर किया जाता है. फरलो उन कैदियों को दी जाती है जिसे पांच या उससे ज्यादा सालों की सजा दी गई हो. इसके अलावा, वह तीन साल की सजा काट चुका हो और उसका रिकॉर्ड बेदाग गो. फरलो के समय को सजा में ही गिना जाता है.

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