डीएनए हिंदी: देशभर में दिवाली का त्योहार बड़े हर्षोल्लास से मनाया गया. देश का राजधानी दिल्ली रविवार शाम जगमगाती नजर आई. लेकिन इस दौरान जमकर आतिशबाजी हुई. सुप्रीम कोर्ट की पाबंदी के बावजूद दिल्ली में जमकर पटाखे जलाए गए. शाहपुर जट और हौज खास इलाके में लोगों ने पटाखे फोड़े. इलाके के पार्क में कई लोगों को पटाखे फोड़ने के लिए इकट्ठा होते देखा गया. दिल्ली-एनसीआर में हुई इस आतिशबाजी से कहीं एक बार फिर प्रदूषण का स्तर नहीं बढ़ जाए. क्योंकि दिवाली पर राजधानी दिल्ली में इस साल साफ हवा ने पिछले 8 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, राजधानी में रविवार सुबह साफ आसमान और खिली धूप के साथ हुई और शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 218 रहा, जो पिछले 8 साल में दिवाली के दिन सबसे कम था. दिल्ली में पिछले साल दिवाली पर एक्यूआई 2022 में 312, 2021 में 382, 2020 में 414, 2019 में 337, 2018 में 281, 2017 में 319 और 2016 में 431 दर्ज किया गया था. दिल्ली में रविवार शाम चार बजे के बाद आतिशबाजी बढ़ गई, हालांकि यह पिछले साल की तुलना में कम थी.
SC की पाबंदी के बावजूद आतिशबाजी
कुछ लोगों को छोड़कर इलाके में और उसके आसपास बहुत से लोग अपने घरों से बाहर निकलते नहीं देखे गए. पर्यावरणविद् भवरीन कंधारी ने कहा कि उनके आवासीय क्षेत्र डिफेंस कॉलोनी में भी पटाखे फोड़े जाने की सूचना मिली. उन्होंने कहा कि डिफेंस कॉलोनी थाने में भी शिकायतें दर्ज की गईं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि पटाखों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख आतिशबाजी के धुएं में उड़ गया.
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चेतावनियों और पूर्ण प्रतिबंध के बावजूद. अधिकारी एक बार फिर विफल रहे हैं. सवाल यह उठता है कि उच्चतम न्यायालय अब क्या रुख अपनाएगा? हम उत्सव के नाम पर अपने बच्चों को घुट-घुटकर जीने को मजबूर कर रहे हैं. शाम साढ़े बजे तक ग्रेटर कैलाश और चितरंजन पार्क इलाके में कम आतिशबाजी हुई. इलाके के लोगों ने कहा कि लग रहा है कि लोग पूजा करने के बाद पटाखे फोड़ेंगे. दक्षिणी दिल्ली के छतरपुर इलाके में शाम छह बजे से ही पटाखों की आवाजें सुनाई देने लगीं. इलाके के कई दुकानदार प्रतिबंध का उल्लंघन करते हुए बच्चों को छोटे पटाखे बेचते दिखे.
दिल्ली के कई इलाकों में फोड़े पटाखे
दक्षिणी दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश इलाके में भी कुछ लोगों ने पटाखे फोड़े. शाम साढ़े छह बजे के बाद से दूर-दराज के घरों से रुक-रुककर पटाखों की आवाजें सुनाई देने लगीं. कुछ इलाकों में कम और कुछ इलाकों में ज्यादा तीव्रता वाले पटाखे फोड़े गए. उधर, लक्ष्मी नगर के ललिता पार्क इलाके में रात 11 बजे तक बहुत कम पटाखे फोड़े गए. हालांकि, इन इलाकों के निवासियों के अनुसार, पिछले साल की तुलना में इस साल आतिशबाजी न के बराबर हुई है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 7 नवंबर को कहा था कि बेरियम युक्त पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश हर राज्य पर लागू होता है और यह केवल दिल्ली-एनसीआर तक सीमित नहीं है, जो गंभीर वायु प्रदूषण से जूझ रहा है.
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