डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर बखेड़ा खड़ा हो गया है. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के विधायक नवाब मलिक के डिप्टी सीएम अजित पवार गुट के साथ नजर आए. जिसको लेकर बीजेपी नेता और उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस खफा नजर आ रहे हैं. फडणवीस ने अजित पवार को पत्र लिखकर नवाब मलिक को राज्य की सत्तारूढ़ ‘महायुति’ या महागठबंधन में शामिल करने पर विरोध जताया है.
फडणवीस ने अजित पवार को लिखे अपने पत्र में कहा कि मलिक को एक विधायक के रूप में विधानसभा की कार्रवाई में भाग लेने का अधिकार है. उन्होंने कहा कि हमारी (भाजपा) उनके खिलाफ कोई व्यक्तिगत दुश्मनी या द्वेष नहीं है. लेकिन जिस प्रकार के आरोपों का वह सामना कर रहे हैं, उसे देखते हुए हमारा मानना है कि उन्हें महायुती में शामिल करना उचित नहीं होगा.
मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार हुए थे मलिक
बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी के समय मलिक उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. नवाब मलिक प्रवर्तन निदेशालय के एक मामले में आरोपी हैं. इससे एक दिन पहले में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता अंबादास दानवे और सुषमा अंधारे ने नवाब मलिक के सत्ता पक्ष में शामिल होने को लेकर सरकार पर निशाना साधा था. भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों से जुड़े मनी लॉड्रिंग के मामले में ईडी ने मलिक को फरवरी 2022 में गिरफ्तार किया था.
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फिलहाल वह चिकित्सकीय आधार पर जमानत पर हैं. मलिक ने गुरुवार को यहां महाराष्ट्र विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में भाग लिया. वह विधानसभा में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट के विधायकों के पास में बैठे थे. राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना शामिल हैं.
कांग्रेस ने भी कसा तंज
कांग्रेस नेता एवं विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने एक बयान में दावा किया कि दिन में प्रस्तुत की गईं पूरक मांगों में धन आवंटन से वस्तुत: मलिक को फायदा होगा. उन्होंने कहा कि मलिक ने अजित पवार को समर्थन देने वाला एक हलफनामा दाखिल किया है. वडेट्टीवार ने साथ ही कहा कि सरकार उन्हें अपने पक्ष में चाहती है लेकिन आधिकारिक तौर पर नहीं.
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