नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने टाटा ग्रुप की एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया (Air India) पर बड़ी कार्रवाई की है. नॉन-क्वालिफाइड क्रू मेंबर्स के साथ उड़ान का संचालन करने के लिए एयर इंडिया पर 98 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. डीजीसीए ने इसे एक गंभीर घटना माना है. यह एक बड़ी सुरक्षा चूक है.
इसके अलावा डीजीसीए ने इस चूक के लिए एयर इंडिया के ऑपरेशन डायरेक्टर पंकुल माथुर पर 6 लाख और ट्रेनिंग डायरेक्टर मनीष वासवदा पर3 लाख रुपये का जुर्माना ठोका है. एक बयान के अनुसार, नागर विमानन महानिदेशालय ने संबंधित पायलट को आगाह किया है कि वह भविष्य में ऐसी गलती फिर से न करें.
नियामक ने जांच में पाया कि एयर इंडिया लिमिटेड ने एक 'नॉन-ट्रेनर लाइन कैप्टन' द्वारा फ्लाइट का संचालन किया, जिसे एक ‘नॉन-लाइन-रिलीज’ प्रथम अधिकारी के साथ जोड़ा गया था. यह यात्रियों की सुरक्षा में बड़ी चूक थी. इससे बड़ा हादसा हो सकता था.
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एयरलाइन द्वारा 10 जुलाई को प्रस्तुत स्वैच्छिक रिपोर्ट के जरिए घटना के संज्ञान में आने के बाद DGCA ने एयरलाइन के परिचालन की जांच की, जिसमें दस्तावेजों आदि की जांच शामिल थी. जांच के आधार पर प्रथम दृष्टया यह पता चला है कि कई पदधारकों और कर्मचारियों द्वारा नियामकीय प्रावधानों का उल्लंघन किया गया, जिससे सुरक्षा पर काफी असर पड़ सकता है.
DGCA ने भेजा था कारण बताओ नोटिस
डीजीसीए ने इस मामले में 22 जुलाई को एयर इंडिया के फ्लाइट कमांडर और अप्रूवल देने वाले अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. जिसके बाद दिए गए जवाबों को नियामक ने असंतोषजनक माना. इस लापरवाही के लिए एयरलाइन कंपनी और अधिकारियों पर जुर्माना लगाया.
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