उत्तराखंड सरकार की रविवार को कैबिनेट बैठक में यूनिफार्म सिविल कोड (यूसीसी) ड्राफ्ट को मंजूरी मिल गई है. देश में यूसीसी को लेकर विधेयक लाने वाला उत्तराखंड पहला राज्य है. सदन में विधेयक का पारित होना तय माना जा रहा है क्योंकि सदन में भाजपा के पास बहुमत है. इस बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर कहा है कि प्रदेश के लोगों को इस बिल का लंबे वक्त से इंतजार था. अब हम सब की ये प्रतीक्षा समाप्त होने जा रही है. उन्होंने कहा कि इस वक्त पूरा देश उत्तराखंड की ओर देख रहा है. विपक्ष को भी इस पर हमारा समर्थन करना चाहिए. आइए आपको बताते हैं कि UCC को मंजूरी मिलने के बाद क्या कुछ बदल सकता है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी को लेकर मुख्यमंत्री निवास पर रविवार को ही कैबिनेट की बैठक बुलाई, जिसमें यूसीसी के मसौदे को मंजूरी दी गई. विधानसभा सत्र 5 से 8 फरवरी तक चलने वाला है. इस सत्र में सदन के पटल पर यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट रखा जाएगा.इस सत्र में मुख्यमंत्री 6 फरवरी को समान नागरिकता कानून को सदन के पटल पर रखने वाले हैं और उसे सदन में पास कराकर जल्द ही प्रदेश में लागू करने वाले हैं. इसके बाद उत्तराखंड यूसीसी को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा.
यह भी पढ़ें- चंडीगढ़ मेयर चुनाव: अधिकारी पर भड़का सुप्रीम कोर्ट, 'ऐसे आदमी के खिलाफ केस चलना चाहिए'
UCC ड्राफ्ट में क्या है?
ड्राफ्ट में महिला अधिकारों के संरक्षण के विषय में शामिल संस्तुतियों पर प्रकाश डाला गया. कैबिनेट को जानकारी दी गई कि किस प्रकार प्रदेश में एक समान कानून लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाए जाएंगे. सभी धर्मों में विवाह के लिए एक समान कानून लागू होगा. सभी वर्गों में पुत्र व पुत्री को संपत्ति में बराबर का अधिकार मिलेगा. बताया जा रहा है कि समिति की प्रमुख संस्तुतियों में संपत्ति बंटवारे में लड़की का समान अधिकार सभी धर्मों में लागू रहेगा. अन्य धर्म या जाति में विवाह करने पर भी लड़की के अधिकारों का हनन नहीं किया जा सकेगा. लिव इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण कराना आवश्यक होगा. समिति ने लव जिहाद, विवाह समेत महिलाओं और उत्तराधिकार के अधिकारों के लिए सभी धर्मों के लिए समान अधिकार की मुख्य रूप से संस्तुति की है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.