जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. इसी राहत के साथ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें झटका भी दिया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच ने अपने फैसले में उनकी सात साल की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. फैसले के कुछ ही घंटे पहले बाहुबली सांसद धनंजय सिंह को जौनपुर जेल से बरेली जेल शिफ्ट कर दिया गया था. धनंजय सिंह की रिहाई के बाद यह माना जा रहा है कि जौनपुर लोकसभा सीट का मुकाबला काफी दिलचस्प होगा.
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले ही धनंजय सिंह ने जौनपुर की स्पेशल कोर्ट से मिली 7 साल की सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में क्रिमिनल अपील दाखिल की थी. जिसके पीछे की वजह पीपुल्स रिप्रेजेंटेशन एक्ट है, जिसके अनुसार 2 साल से ज्यादा की सजा पाने वाला व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकता है. नमामि गंगे परियोजना के तहत एसटीपी प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल के अपहरण मामले में जौनपुर की एमपीएमएलए कोर्ट ने धनंजय सिंह को दोषी ठहराते हुए 7 साल की सजा सुनाई थी.
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में धनंजय सिंह को जमानत दे दी लेकिन रंगदारी मामले में 7 साल की सजा पर रोक लगाने की भी गुहार को हाई कोर्ट ने नामंजूर कर दिया. 7 साल की सजा होने के कारण धनंजय सिंह लोकसभा चुनाव 2024 नहीं लड़ पाएंगे. धनंजय बीते छह मार्च से जौनपुर के जिला जेल में बंद थे. इस बीच धनंजय सिंह के अधिवक्ता उमेश शुक्ल ने कहा कि अभी मेरे पास आदेश की कॉपी नहीं आई है इसलिए कुछ कहा नहीं जा सकता.
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चुनावी मैदान में हैं धनंजय सिंह की पत्नी
जौनपुर लोकसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी ने धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी को टिकट दिया है. श्रीकला चुनाव प्रचार में लगी हुई हैं. माना जा रहा है कि जेल से बाहर आने के बाद धनंजय सिंह पत्नी के साथ चुनाव प्रचार करते नजर आएंगे. उनके जेल में आने से यहां का सियासी समीकरण बदल जाएगा. इंडिया गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रही समाजवादी ने जौनपुर से बाबू सिंह कुशवाहा को टिकट दिया है तो वहीं बीजेपी ने कृपाशंकर सिंह को उम्मीदवार बनाया है.
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