डीएनए हिंदी: बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के पंडित धीरेंद्र शास्त्री (Pandit Dhirendra Krishna Shastri) ने 15 मई को पटना में लगने वाले दिव्य दरबार को स्थगित कर दिया है. धीरेंद्र शास्त्री इन दिनों पटना के नौबतपुर स्थित तरेत मठ में हनुमंत कथा कर रहे हैं. जिसमें भारी तादाद में श्रद्धालुओं पहुंच रहे हैं. भीषण गर्मी की वजह से रविवार को कुछ लोगों की तबीयत बिगड़ गई. जिसकी वजह से कथा को समय से पहले ही रोकना पड़ा. बागेश्वर सरकार ने गर्मी की वजह से दिव्य दरबार (Divya Darbar) को नहीं लगाने का फैसला किया है. लेकिन कथा पूरे पांच दिन चलती रहेगी.
आयोजकों को कहना है कि दूसरे दिन भीषण गर्मी के बावजूद भारी तादाद में लोग कथा में शामिल होने पहुंचे. जिसकी वजह से पंडाल में उमस और ऑक्सीजन की कमी होने गई और कुछ लोगों की तबीयत बिगड़ गई. इसके बाद कथा को समय से पहले ही रोकना पड़ा. बागेश्वर बाबा ने श्रद्धालुओं से कथा में नहीं आने की अपील की है. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि लोगों की भीड़ ज्यादा हो रही है और ऊपर से भीषण गर्मी पड़र ही है. गर्मी की वजह से लोगों को पंडाल में घूटन महसूस हो रही है. श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी ना हो, इसको देखते हुए आज यानी 15 मई को दिव्य दरबार नहीं लगेगा.
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15 मई को लगना था दिव्य दरबार
बता दें कि धीरेंद्र शास्त्री 13 मई से पटना के नौबतपुर स्थित तरेत मठ में हनुमंत कथा कर रहे हैं. यहां वह 17 मई तक कथा करेंगे. बागेश्वर सरकार 15 को दिव्य दरबार लगाने वाले थे. इसको लेकर प्रशासन भी चौकस था, क्योंकि इसमें लाखों लोगों के पहुंचने की उम्मीद थी. इसलिए जिला प्रशासन ने पुलिस बल और मजिस्ट्रेट की तैनातीके निर्देश दिए थे. दरअसल, पटना जिला प्रशासन ने धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम के दौरान आतंकी हमले को लेकर अलर्ट जारी किया था. उसमें आशंका जताई गई कि दिव्य दरबार के दौरान आतंकी संगठन IED ब्लास्ट कर सकते हैं.
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'मैं नहीं भूलूंगा आपका उपकार'
कथा के दूसरे दिन बागेश्वर सरकार ने कहा, 'इतनी अपार भीड़ देखकर मेरा मन प्रसन्न हो गया. लगभग 10 लाख लोग आ गए होंगे. हमें अंदेशा हो रहा है कि कई लोगों की सांस न रुक जाए. क्योंकि इस पंडाल में एक या दो लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. यहां तो लाखों में लोग हैं. कथा वही है जिसमें दिक्कत न हो. बिहार के लोगों से अपील करना चाहता हूं वो घर से ही कथा सुनें. सोशल मीडिया के माध्यम से सुनें. कथा पंडाल में नहीं आना है. मैं आप सबका उपकार कभी नहीं भूलूंगा.'
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