Diwali Crackers Banned: जैसे-जैसे दिवाली नजदीक आ रहा है, भारत के अलग-अलग राज्यों में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं. तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और अन्य राज्यों ने पटाखों की बिक्री और उपयोग पर कड़े नियम लागू कर दिए हैं. यह कदम मुख्य रूप से वायु गुणवत्ता में गिरावट और लोगों की स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए उठाया गया है. खासकर दिल्ली जैसे क्षेत्रों में जहां प्रदूषण का स्तर गंभीर स्तर तक पहुंच गया है.
दिल्ली: दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (DPCC) ने पटाखों के मैन्युफैक्चरिंग, स्टोरेज, सेल्स और उपयोग पर 1 जनवरी, 2025 तक पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. केवल ग्रीन पटाखों की अनुमति है जो अन्य पटाखों के मुकाबले 30% कम प्रदूषण फैलाते हैं.
महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल: महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल ने भी दिवाली के दौरान प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए सभी प्रकार के पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है. हालांकि, ग्रीन पटाखों को जलाने की सीमित अनुमति दी गई है.
बिहार: बिहार के पटना, गया, मुजफ्फरपुर, और हाजीपुर में ग्रीन पटाखों के उपयोग और बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है. यह निर्णय नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के निर्देशों के तहत लिया गया है, ताकि वायु गुणवत्ता पर सकारात्मक प्रभाव पड़े.
तमिलनाडु और कर्नाटक: तमिलनाडु ने पटाखों के लिए सुबह 6 से 7 बजे और शाम 7 से 8 बजे के दो स्लॉट निर्धारित किए हैं, जबकि कर्नाटक में रात 8 से 10 बजे के बीच पटाखे जलाने की अनुमति नहीं है.
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पंजाब और हरियाणा: पंजाब और हरियाणा ने सुप्रीम कोर्ट और NGT के निर्देशों का पालन करते हुए दिवाली और अन्य मुख्य त्योहारों पर केवल सीमित समय के लिए ग्रीन पटाखों के उपयोग की अनुमति दी है.
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