उत्तर प्रदेश के पूर्व IG डीके पांडा बड़ी साइबर फ्रॉड के शिकार हो गए हैं. 'दूसरी राधा' के नाम से मशहूर पांडा ने धूमनगंज थाना में करीब 381 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की FIR दर्ज कराई है. पांडा ने पुलिस को बताया कि उन्होंने लंदन की कंपनी ‘फिमनिक्स ग्रुप’ के साथ ऑनलाइन व्यापार कर करीब 381 करोड़ रुपये कमाए थे और 25 अक्टूबर को उनके मोबाइल पर आरव शर्मा नाम के व्यक्ति ने साइप्रस से Whatsapp कॉल की और अपशब्द कहते हुए धमकी दी.
शिकायत में डीके पांडा ने बताया कि आरव शर्मा नाम के व्यक्ति से मिले. लंदन की कंपनी ‘फिमनिक्स’ के वित्त विभाग में कार्यरत राहुल गुप्ता के माध्यम से वह आरव शर्मा के संपर्क में आए. मैंने लंदन की कंपनी में कमाए लाभ को प्रयागराज में अपने बैंक खाता में अंतरित कराने का प्रयास किया, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. इसके बजाय कंपनी के लोगों ने कई तरह के शुल्क का भुगतान करने की मांग की.
आंतकियों से फंसाने की दी धमकी
पांडा का आरोप है कि आरव शर्मा ने उनके करीब 381 करोड़ रुपये खुद वसूल लिए और उनसे 8 लाख रुपये देने की मांग की. उन्होंने आरोप लगाया कि रुपये देने से मना करने पर आरव ने धमकी दी कि वह उनकी धनराशि को आतंकियों को उपलब्ध करा देगा और उन्हें फंसा देगा.
पांडा की तहरीर पर धूमनगंज थाना में 26 अक्टूबर 2024 को अज्ञात के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 351(4) और 318(4) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. ओड़िशा के रहने वाले और 1971 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी देबेन्द्र किशोर पांडा (डीके पांडा) ने सपने में भगवान कृष्ण को देखने का दावा किया जिससे उनके जीवन में परिवर्तन आया और वह दूसरी राधा बन गए.
पांडा के मांग में सिंदूर लगाने और साड़ी पहनने से पुलिस विभाग का उपहास उड़ाया जाने लगा. अपनी सेवानिवृत्ति से दो वर्ष पूर्व ही डीके पांडा ने 2005 में पद से त्यागपत्र दे दिया था. (इनपुट- PTI)
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