डीएनए हिंदी: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म पर की गई टिप्पणी से विवाद अभी थमा भी नहीं था कि उन्हीं की पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) के एक और नेता ने बयान देकर मामले को गरमा दिया. डीएमएके के नेता ए राजा सनातन धर्म की तुलना HIV से की है. उन्होंने कहा कि सनातन एक सामाजिक बीमारी है, जो यह कुष्ठ रोग की तरह है. इससे बचना चाहिए, क्योंकि यह एचआईवी से भी ज्यादा घातक है.
DMK नेता ए राजा ने उदयनिधि स्टालिन ने जो बोला वह काफी कम था. उन्होंने सिर्फ मलेरिया और डेंगू से इसकी तुलना की थी. लेकिन सनातन धर्म की सामाजिक कलंक वाली बीमारी उससे भी बड़ी है. राजा ने कहका कि सनातन की तुलना HIV और कुष्ठ रोग जैसे बीमारियों से की जानी चाहिए. समाज के लिए सनातन ऐसा ही काम कर करता है.
बीजेपी पर भड़के स्टालिन
उदयनिधि स्टालिन ने गुरुवार को भाजपा नेताओं पर उनके बयानों को तोड़ मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया और सभी मामलों का कानूनी रूप से सामना करने का संकल्प जताया. उन्होंने पीएम मोदी मोदी पर भी तीखा हमला करते हुए कहा कि वह मणिपुर हिंसा को लेकर उठते सवालों का सामना करने से डरकर दुनिया भर में घूम रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘पिछले 9 साल से आपके (भाजपा) सभी वादे खोखले रहे हैं. आपने वास्तव में हमारे कल्याण के लिए क्या किया है, यह सवाल वर्तमान में फासीवादी भाजपा सरकार के खिलाफ पूरा देश एकजुट होकर उठा रहा है. यह इसी पृष्ठभूमि में है कि भाजपा नेताओं ने टीएनपीडब्ल्यूएए सम्मेलन में मेरे भाषण को तोड़-मरोड़कर ‘नरसंहार भड़काने वाला’ बताया. वे इसे खुद को बचाने का हथियार मानते हैं.’
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उदयनिधि ने कहा कि आश्चर्य की बात यह है कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री फर्जी खबर के आधार पर मेरे खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पूरी निष्पक्षता से कहें तो मुझे उनके खिलाफ आपराधिक मामले और अन्य अदालती मामले दायर करना चाहिए क्योंकि उन्होंने सम्मानजनक पदों पर रहते हुए मुझे बदनाम किया. लेकिन मुझे पता है कि यह उनके अपने अस्तित्व को बचाए रखने का तरीका है. वे नहीं जानते कि अस्तित्व बचाने का और तरीका क्या है, इसलिए मैंने ऐसा नहीं करने का फैसला किया है.’
उन्होंने अन्नादुरई के कथन का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘हर कोई जानता है कि हम किसी भी धर्म के दुश्मन नहीं हैं. मैं धर्मों पर अन्ना की टिप्पणी बताना चाहूंगा जो आज भी प्रासंगिक है. अगर कोई धर्म लोगों को समानता की ओर ले जाता है और उन्हें भाईचारा सिखाता है, तो मैं भी एक अध्यात्मवादी हूं. अगर कोई धर्म लोगों को जातियों के नाम पर विभाजित करता है, अगर वह उन्हें अस्पृश्यता और गुलामी सिखाता है तो मैं ऐसे धर्म का विरोध करने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा.’ स्टालिन ने कहा कि द्रमुक उन सभी धर्मों का सम्मान करती है जो सिखाते हैं कि हर कोई जन्म से समान होता है.
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