DNA TV Show: क्या लोकसभा चुनाव से पहले आ जाएंगे CAA कानून, जानिए डिटेल

Written By कविता मिश्रा | Updated: Jan 03, 2024, 11:20 PM IST

DNA TV SHOW 

DNA TV Show: संसद ने सीएए पर 11 दिसंबर 2019 को मुहर लगाई थी. सरकार इस कानून को लागू करने के लिए नियम-कायदे बनाने की समय सीमा 8 बार बढ़ा चुकी है.

डीएनए हिंदी: CAA यानी Citizenship Amendment Act इस कानून के बारे में आपने चार साल पहले सुना होगा लेकिन दिसंबर 2019 में पास हुए इस कानून के नियम तय नहीं किये जा सके, जिस वजह से इस कानून को आज तक लागू नहीं किया जा सका है. केंद्र सरकार ने 2024 में अपने पहले बड़े कदम के तौर पर नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू करने का फैसला लगभग कर लिया है. गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, इस कानून के नियम-कायदों को इसी महीने 26 जनवरी से पहले अधिसूचित कर दिया जाएगा.आइए आज के डीएनए टीवी शो में इसके बारे में विस्तार से जानते हैं. 

 News Agency PTI के हवाले से पक्की ख़बर है कि लोकसभा चुनाव से पहले सरकार CAA 2019 के नियमों को Notify कर सकती है. CAA के नियम तय होने के बाद ये कानून लागू हो जायेगा. आइए आपको बताते हैं कि इस कानून के तहत क्या बदलाव होंगे... 


1) पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से प्रताड़ित होकर भारत आए गैर मुस्लिमों को नागरिकता दी जाएगी.

2) जिन गैर मुस्लिमों को नागरिकता दी जाएगी, उनमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई शामिल हैं.

3) भारतीय नागरिकता उन्हीं विदेशी गैर मुस्लिमों को दी जायेगी, जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए हैं. 

गैर मुस्लिम विदेशी नागरिकों को नागरिकता देने की पूरी प्रक्रिया Online होगी, इसके लिए Online Portal Launch किया गया है. इस Portal पर नागरिकता पाने वाले शख्स को जरूरी जानकारी देनी होगी.

1)  किस वर्ष भारत में बिना वैध दस्तावेज के प्रवेश किया?

2) भारत में प्रवेश के बाद वो कितने वर्ष कहां-कहां रहा है?

3) आवेदक को अपना देश छोड़ने की वजह बतानी होगी.

4) वर्तमान व्यवसाय की जानकारी Online देनी होगी.

5) अगर कोई आपराधिक Record है तो उसकी जानकारी देनी होगी.

सरकार के पास नहीं है वास्तविक डाटा 

बांग्लादेश से भारत में प्रवेश करने वाले हिंदुओं का वास्तविक डाटा सरकार के पास नहीं है. ऐसा ही पाकिस्तान और अफगानिस्तान के नागरिकों को लेकर भी है इसलिए तीन देशों के जिन नागरिकों को भारत की नागरिकता दी जायेगी.  उनसे सिर्फ Online जानकारी ली जायेगी, सूत्रों का कहना है कि इस संबंध में आवेदक से किसी तरह के संबंधित दस्तावेज नहीं मांगे जायेंगे. वर्ष 2019 में इस कानून का विरोध हुआ था और अब भी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी TMC, CAA का विरोध कर रही है. इसपर गृह मंत्री अमित शाह ने कोलकाता में हुंकार भरी.उनका कहना था कि ममता बनर्जी लोगों को गुमराह कर रही हैं और देश में ये कानून लागू होकर रहेगा.गृह मंत्री ने ये बात 27 दिसंबर को कोलकाता में कही थी, जब वो एक रैली को संबोधित कर रहे थे. इससे साफ है कि लोकसभा चुनाव से पहले CAA लागू कर दिया जायेगा. अबतक Citizenship Act 1955 के तहत भारत की नागरिकता दिये जाने का प्रावधान है, इस कानून के तहत किसी को कानूनन भारत की नागरिकता पाने के लिए व्यक्ति विशेष को कम से कम 11 वर्ष देश में रहना होता है लेकिन नागरिकता संशोधन कानून में प्रावधान बदले गए हैं. इसके साथ तीन देशों के गैर मुस्लिमों को 11 वर्ष के बजाये 5 वर्ष देश में रहने पर नागरिकता दी जाएगी. 
बाकी दूसरे देशों के लोगों को अब भी भारत में 11 वर्ष का वक्त गुजारना होगा. 

CAA शुरू हो गई सियासत 

CAA के लागू किए जाने की जानकारी सामने आने के बाद देश में सियासत भी शुरू हो गई है. विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि BJP चुनाव में इसका फायदा लेना चाहती है और इस कानून को लागू करके गुमराह किया जा रहा है. आप सोच रहे होंगे कि जब Citizenship Amendment Act दिसंबर 2019 में पास हो गया था तो इसे लागू करने में चार वर्ष का समय क्यों लग गया. जबकि संसदीय प्रक्रिया के नियमों के मुताबिक किसी भी कानून के नियम राष्ट्रपति की सहमति के 6 महीने के अंदर बनने चाहिए और उन्हें लागू किया जाना चाहिए. CAA के लागू होने में देरी की मुख्य तौर पर तीन वजह थी. 

- पहली वजह विरोध प्रदर्शन

- दूसरी वजह कोरोना संकट

- तीसरी वजह वैक्सीनेशन

CAA को लागू करने में सबसे बड़ी अड़चन इस कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन था. देश के मुस्लिमों में CAA को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा हुई. जिसके बाद दिल्ली के शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया. हज़ारों की संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए. 15 दिसंबर 2019 से 24 मार्च 2020 तक प्रदर्शनकारी सड़कों पर डंटे रहे.हालांकि सरकार की कोशिशों के बाद प्रदर्शन ख़त्म हुआ, तब तक देश में कोरोना के केस बढ़ने लगे थे. इस बीच मामले को लेकर कई संगठनों ने Supreme Court में याचिका दाखिल कर दी, जिसपर अबतक सुनवाई चल रही है.याचिकाकर्ताओं की दलील थी कि CAA धर्म को आधार बनाकर नागरिकता देने वाला कानून है जबकि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है. इसपर सरकार ने जवाब देते हुए कहा था कि CAA धर्म के नाम पर होने वाले भेदभाव के पीड़ितों को नागरिकता देने वाला कानून है. सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया था कि बर्मा, श्रीलंका जैसे देशों के गैर मुस्लिम पीड़ितों को नागरिकता देने से क्यों दूर रखा गया है. इसपर सरकार का कहना था कि 70 वर्षों की स्थिति को आधार बनाकर कानून बनाया गया है. इसमें उन देशों के गैर मुस्लिमों को नागरिकता देने का प्रावधान है, जो देश धर्म के आधार पर बने हैं. 

गृह मंत्री अमित शाह ने कही थी यह बात 

गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में बयान देकर CAA पर भ्रम की स्थिति को साफ किया था. उन्होंने कहा था कि CAA नागरिकता छीनने वाला नहीं, बल्कि नागरिकता देने वाला कानून है लेकिन कानून लागू हो पाता, उससे पहले भारत में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े और Lockdown लगाना पड़ा. बिना नियम तय हुए, CAA को लागू करना संभव नहीं था इसलिए गृह मंत्रालय को नियम के मुताबिक संसदीय समितियों से एक के बाद एक कुल 9 बार Extensions लेना पड़ा. इस वजह से कानून लागू करने की समयसीमा बढ़ती गई.सरकार की प्राथमिकता पहले Corona से देश के नागरिकों को बचाने की थी, इसलिए कानून लागू नहीं किया गया. सरकार ने तय किया कि Vaccination प्रक्रिया पूरी होने के बाद CAA को लागू करने पर विचार किया जाये. अब सरकार का Plan CAA को लोकसभा चुनाव से पहले लागू करने का है. जिसके नियमों को बहुत जल्द Notify कर दिया जायेगा. CAA चार वर्षों में लागू नहीं हो सका, इसका मतलब ये नहीं कि गैर मुस्लिम विदेशियों को भारत में नागरिकता नहीं मिली बल्कि इन चार सालों में भी पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से प्रताड़ित होकर भारत आए लोगों को भारत ने नागरिकता दी है. सरकार ने फरवरी 2022 में संसद को बताया था कि Citizenship Act 1955 के तहत भारत ने वर्ष 2018 से 2021 के बीच कुल 4 हज़ार सत्ताइस विदेशी नागरिकों को भारत की नागरिकता दी. 

- वर्ष 2018 में 628 विदेशी नागरिकों को भारत की नागरिकता मिली. 

- वर्ष 2019 में नौ सौ सत्तासी विदेशी भारत के नागरिक बने थे. 

- वर्ष 2020 में भारत की नागरिकता पाने वाले छह सौ उन्तालिस विदेशी थे. 

- जबकि 2021 में सबसे ज्यादा सत्तरह सौ तिहत्तर विदेशियों को भारत की नागरिकता मिली. 

वर्ष 2018 से 2021 के बीच कुल 8 हज़ार 2 सौ चवालिस विदेशी नागरिकों ने भारत की नागरिकता के लिए Apply किया था. जिन लोगों को भारत ने नागरिकता दी, उनमें सभी गैर मुस्लिम हैं.  जो पाकिस्तान, बांग्लादेश या फिर अफगानिस्तान में प्रताड़ित किये जा रहे थे और वो बिना वैध दस्तावेज के भारत में प्रवेश करके रह रहे थे. अब चार वर्ष बाद सरकार CAA को लागू करने जा रही है. 

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