DNA TV SHOW: सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली की जहरीली हवा को लेकर इन तीन बातों पर हुई बहस, जानें क्या था कारण

| Updated: Nov 08, 2023, 12:32 AM IST

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DNA TV SHOW: शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से कहा कि जब समस्या आती है तो कदम उठाते हैं लेकिन फिर अगले साल वही हालात हो जाते हैं. आइए जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने क्या कुछ कहा है.

डीएनए हिंदी: राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि हर समय राजनीति नहीं हो सकती है. पराली जलाने पर रोक लगानी होगी. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से कहा कि कुछ भी करें, ये रुकना चाहिए नहीं तो हमें सख्ती दिखानी होगी. राजनीतिक दोषारोपण के खेल को बंद कर देना चाहिए. नीतियां इन बातों पर निर्भर नहीं हो सकतीं कि किस राज्य में किस पार्टी की सरकार है. शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से कहा कि आप किसानों को धान के बजाय वैकल्पिक फसल की ओर शिफ्ट कर सकते हैं, इसमें आपको मदद करनी होगी. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से भी सवाल किए हैं. आज डीएनए टीवी में जानेंगे कि सुप्रीम कोर्ट ने किन तीन बातों पर बहस की है. 

पिछले कुछ दिनों से दिल्ली एनसीआर गैस चैंबर बना हुआ है. हवा की खराब गुणवत्ता ने अपने पिछले कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. हालात ये है कि दिल्ली के कई इलाकों में AQI 700 से भी ऊपर है. AQI 500 से ऊपर होने पर हवा को खतरनाक की श्रेणी में डाला जाता है. सोचिए कि दिल्ली एनसीआर के कई इलाकों में AQI लगातार 500 के आसपास बना हुआ है. घर से बाहर निकलना मतलब, जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर होना. ऐसा नहीं है कि हवा की गुणवत्ता इस साल खराब है। ये पिछले कई वर्षों से चली आ रहा है लेकिन इस पर ठोस कार्रवाई, अभी तक तो नहीं देखी गई है. इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई.  सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, यूपी, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान की राज्य सरकारों को प्रदूषण के मसले पर कड़ी नसीहतें दीं. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान को पराली जलाने के मामले में फटकार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण के हालात को देखते हुए, अपनी टिप्पणी में इन राज्य सरकारों को सब्र खत्म होने की बात कही.  

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सुप्रीम कोर्ट ने इन तीन मुख्य बातों पर की बहस 

 1) पराली जलाना

2) दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के रोकथाम के उपाय

3) पटाखों पर प्रतिबंध

सुप्रीम कोर्ट ने सबसे पहले पराली जलाने के मामले में राज्य सरकारों से कड़े सवाल पूछे. जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिन सुधांशु धूलिया की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है. जस्टिस कौल ने पराली जलाने के मामलों को पूरी तरह से बंद करने की बात कही. जबकि राज्य सरकार की ओर से पेश हुए वकीलों ने पराली जलाने की Timing को लेकर अपने-अपने तर्क दिए.  

1) सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से पराली जलाने की घटनाओं को पूरी तरह से बंद करने के निर्देश दिए. इसके लिए स्थानीय पुलिस स्टेशन के SHO को जिम्मेदारी दिए जाने की बात कही.

2) सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि वो ठोस कचरा खुले में जलने से रोकें.

3) सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के ऑड-ईवन वाले फॉर्मूले पर सवाल उठाए.

4) सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण पर राज्य सरकारों के बीच दोषारोपण के खेल पर नाराजगी जताई. 

 5) पंजाब में कम हो रहे भूमिगत जलस्तर के बावजूद धान की खेती ना रोके जाने पर सवाल उठाए. 

6) प्रदूषण से बच्चों को हो रही स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रूख अपनाया.

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सुप्रीम कोर्ट ने दिया कार्रवाई का आदेश 

प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत कार्रवाई का आदेश दिया और इस मामले में वो राज्य सरकार को किसी तरह की मोहलत देने के पक्ष में नहीं है. कोर्ट ने राज्य सरकारों से प्रदूषण के रोकथाम के लिए की जाने वाली कार्रवाई पर जवाब मांगा. इस पर दिल्ली सरकार ने अपने हलफनामे में 5 पॉइंट्स में प्रदूषण के खिलाफ अपनी गंभीर कार्रवाई के बारे में बताया. 

1) दिल्ली सरकार ने बताया कि फिलहाल दिल्ली में GRAP 4 यानी Graded Response Action Plan Stage 4 लागू किया गया है.

2) स्कूलों की 10वीं और 12वीं क्लास को छोड़कर सभी बच्चों की छुट्टी कर दी गई है. 

 3) 13 नवंबर से Odd-Even लागू करने की बात भी कही, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठा दिए. 

4) public transport को बढ़ावा देने की बात कही. 
 
5) हरियाणा,राजस्थान और यूपी से केवल Electric,CNG और BS-6 बसों को ही दिल्ली आने की अनुमति दी गई है. 

 6) 400 से ज्यादा Anti Smog Gun लगाए जाने की बात कही है. 

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछे सवाल 

सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण के कारणों पर राज्य सरकार से सवाल पूछे. पटाखों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख, पिछले वर्ष की तरह ही था. सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर प्रतिबंध लगाए रखने की बात कही और ये निर्देश देश के सभी राज्यों पर लागू होने की बात कही लेकिन खतरनाक प्रदूषण की चपेट में आ चुकी दिल्ली में Smog Tower पर चर्चा नहीं हो रही है. दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण को कम करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च करके Smog Tower लगाए गए थे लेकिन हर साल जब प्रदूषण चरम पर आ जाता है तो पता चलता है कि Smog Tower तो काम ही नहीं कर रहे हैं. दिल्ली-एनसीआर में हाल इतने खराब है कि सूरज की रोशनी भी प्रदूषण को पार कर धरती तक नहीं पहुंच पा रही है.दिल्ली ही नहीं बल्कि फ़रीदाबाद, गुरुग्राम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद ने भी प्रदूषण की चादर ओढ़ ली है. दिल्ली सरकार प्रदूषण को लेकर बात तो कर रही है लेकिन इसका जवाब किसी के पास नहीं है कि हवा में फैले इस सफेद जहर से कब राहत मिलेगी.

कैसे हैं दिल्ली- एनसीआर के हालात? 

1) आज दिल्ली का Over all AQI 394 रहा ।2) ग्रेटर नोएडा में 452...नोएडा में 350 रहा. 

2) एनसीआर में आने वाले गाजियाबाद में आज AQI 337 रहा. 

3) फरीदाबाद में 372..गुरुग्राम में 362 और सोनीपत में 379 रहा. 

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