गौतम बुद्ध नगर से टिकट के लिए इस बार (Lok Sabha Election 2024) कई दावेदार थे. हालांकि, सारी अटकलों पर उस वक्त विराम लग गया जब पहली ही लिस्ट में डॉक्टर महेश शर्मा का नाम आया. डॉ. शर्मा को बीजेपी ने लगातार तीसरी बार टिकट दिया है. 2014 और फिर 2019 में भी वह यहां से सांसद चुने गए हैं. बताया जा रहा है कि दावेदारी की चर्चाएं जो भी हों, लेकिन शीर्ष नेतृत्व के पास दावेदारी के निर्विवाद विकल्प के तौर पर उनका ही नाम गया था. हाई प्रोफाइल सीट बचाने में कामयाब होने के पीछे मुख्य वजह उनकी अपने क्षेत्र में साफ छवि है. इसके अलावा, संगठन पर उनकी अच्छी पकड़ है और वह अपने क्षेत्र में काफी सक्रिय भी रहते हैं.
लो प्रोफाइल रहना काम आया
डॉक्टर महेश शर्मा की छवि संगठन और कार्यकर्ताओं के बीच उपलब्ध रहने वाले नेता के तौर पर है. वह सक्रिय रहते हैं, लेकिन लो प्रोफाइल रहते हुए जमीनी पकड़ बनाने में जुटे रहते हैं. यही वजह है कि दावेदारी के लिए कई नाम भले ही चल रहे हों, लेकिन बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने अंतिम मुहर उनके नाम पर ही लगाई थी. पेशे से डॉक्टर होने के साथ ही वह ग्रामीण क्षेत्रों में भी अपनी पकड़ बनाए हुए हैं.
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शीर्ष नेतृत्व के साथ रहा बेहतर तालमेल
टिकट कटने के कितने भी दावे किए जाते रहे हों, लेकिन बीजेपी के संगठन से जुड़े लोगों का कहना है कि शीर्ष नेतृत्व के मन में महेश शर्मा के नाम को लेकर कोई संशय नहीं रहा है. डॉ. शर्मा के हाई कमान के साथ भी अच्छे संबंध रहे हैं.
कुछ दिन पहले ही अमित शाह जब नोएडा में एक कार्यक्रम के लिए पहुंचे थे, तो दोपहर का भोजन उन्होंने डॉक्टर महेश शर्मा के घर पर ही किया था. यह उनके शीर्ष नेतृत्व के साथ अच्छे संबंधों को बताने के लिए काफी है. गौतम बुद्ध नगर में शहरी हिस्से के अलावा, एक बड़ा हिस्सा ग्रामीण क्षेत्र का है. ग्रामीण इलाकों में भी वह लगातार सक्रिय रहते हैं.
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