डीएनए हिंदी: किसी भी परिवार के लिए इससे बड़ी त्रासदी भला क्या हो सकती है कि पिता के बुढ़ापे की लाठी और एक मासूम से पिता का साया उठ जाए लेकिन ईश्वर के लिखे के आगे सब नतमस्तक हैं. जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में बुधवार को हुई मुठभेड़ में डीएसपी हुमायूं भट शहीद हो गए. वह अपने पीछे पत्नी, महीने भर का बच्चा और बूढ़े पिता को छोड़ गए हैं. डीएसपी हुमायूं भट ने गोली लगने के बाद परिवार को वीडियो कॉल किया था. इस दौरान उन्होंने पिता और पत्नी से कुछ ऐसी बातें कही थीं. जिसे जानकर आप अपने आंसू नहीं रोक पाएंगे.
दहशतगर्दों के साथ एनकाउंटर के दौरान ही उपाधीक्षक हुमायूं भट्ट गोली लग गई थी. जख्मी हालत में ही उन्होंने अपनी बीवी को वीडियो कॉल कर हालात के बारे में जानकारी दी थी. उन्होंने पत्नी फातिमा से कहा कि मुझे गोली लगी है, नहीं लगता कि मैं बच पाऊंगा. हमारे बच्चे का ख्याल रखना. कहा जा रहा है कि पत्नी को वीडियो कॉल करने से पहले उन्होंने अपने पिता रिटायर्ड डीआईजी गुलाम हसन को भी फोन कर बताया कि वह घायल हो गए हैं लेकिन फिलहाल ठीक हैं.
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श्रद्धांजलि अर्पित करते पिता का भी वीडियो हुआ वायरल
शाहिद अधिकारी बेटे के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित करते समय रिटायर्ड आईजी गुलाम हसन का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ. अपने जिगर के टुकड़े को हमेशा के लिए विदा करते दिखे पिता को देखकर कोई भी अपने आंसू नहीं रोक पा रहा था. वीडियो में देखा गया कि गुलाम हसन तिरंगे में लिपटे अपने शहीद बेटे के शव पर पुष्पांजलि अर्पित करते हैं और कुछ देर शव के पास चुपचाप खड़े रहते हैं.
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एक साल पहले हुई थी हुमांयू भट्ट की शादी
शहीद DSP हुमांयू भट्ट की शादी एक साल पहले ही हुई थी. उनकी मौत से परिवार का हाल बेहाल है. एक पिता ने अपना बेटा खो दिया. एक पत्नी ने अपना पति और एक मासूम बच्चे के सिर से बाप का साया हमेशा के लिए उठ गया. बता दें कि जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकरनाग इलाके में बुधवार को सूचना मिली कि यहां के गडूल गांव में 2 से 3 आतंकवादी नजर आए हैं. सूचना मिलते ही 19 राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू कश्मीर पुलिस की टीम ने संयुक्त ऑपरेशन करते हुए इलाके को घेर लिया. टीम की कमान 19 राष्ट्रीय राइफल्स के सेना मेडल से सम्मानित कर्नल मनप्रीत सिंह संभाले हुए थे. डीएसपी भट उन तीन अधिकारियों में एक थे, जो आतंकियों के लिए चलाए जा रहे सर्च ऑपरेशन का आगे बढ़कर नेतृत्व कर रहे थे. तभी आतंकियों ने गोलियां बरसा दीं. इस दौरान कर्नल मनप्रीत और मेजर आशीष को भी गोली लगी थी. इसके चलते तीनों वीर सपूत घायल हो गए.
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