डीएनए हिंदी: रविवार को दिल्ली-एनसीआर के लोग एक बार फिर भूकंप के झटकों से दहल गए हैं. शाम 4.10 बजे भूकंप के तेज झटके दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम समेत आसपास के हिस्सों में महसूस किया गया है. 15 दिनों में दूसरी बार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं. भूकंप के झटके महसूस करते ही ज्यादातर लोग घरों से बाहर भाग गए. हाई राइज सोसाइटी में लोग सीढ़ियो से ही पैदल खुले में निकल गए. इससे पहले 3 अक्टूबर को भी लोगों ने भूकंप के ऐसे ही तेज झटके महसूस किए थे. फिलहाल भूकंप को लेकर ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई है लेकिन झटकों के कुछ मिनट बाद तक उसका प्रभाव लोगों को नजर आ रहा था.
भूकंप को लेकर अभी ज्यादा जानकारी सामने नहीं है. फिलहाल भूकंप का केंद्र हरियाणा का फरीदाबाद बताया जा रहा है. भूकंप की तीव्रता रेक्टर स्केल पर 3.1 नापी गई है. भूकंप के झटके महसूस होते ही सोशल मीडिया पर कई पोस्ट किए एग. कुछ लोगों का कहना है कि मिनटों बाद तक पंखें और पानी का गिलास हिलता हुआ महसूस हो रहा था. 15 दिन में ही दूसरी बार ऐसा तेज झटका आने से लोग डर जरूर गए हैं. फिलहाल किसी के इन झटकों में हताहत होने की जानकारी नहीं है.
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भारत में कुछ हिस्से भूकंप के लिहाज से हैं खतरनाक
बरसों से आ रहे भूकंप के आधार पर वैज्ञानिकों ने पूरे भारत को अलग-अलग जोन में बांटा है. इसमें हिमालय के आसपास के हिस्सों को भूकंप के लिहाज से सबसे ज्यादा संवेदनशील बताया गया है. भूकंपीय जोन के मुताबिक देश का करीब 59 प्रतिशत हिस्सा मध्यम या गंभीर भूकंप की चपेट में आ सकता है और यही सबसे बड़ी चिंता की बात है. फिलहाल दिल्ली-एनसीआर में रविवार, 15 अक्टूबर को आए भूकंप में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है.
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भूकंप की तीव्रता से तबाही का नहीं लगा सकते अनुमान
आम तौर पर लोगों की धारणा होती है कि भूकंप की तीव्रता से तबाही का भी अनुमान लगाया जा सकता है लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है. भूकंप की तीव्रता से ये नहीं तय किया जा सकता है कि उससे तबाही कितनी होगी. भूकंप का केंद्र और जिन इलाके में झटके महसूस किए गए, वहां की मिट्टी और वहां की आबादी से भी तय होता है कि तबाही कितनी बड़ी है. देखा जाए तो दुनिया में हर साल 20 हजार से ज्यादा भूकंप आते हैं. हालांकि, इनमें से ज्यादातर से तबाही उतनी अधिक नहीं होती है.
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