India-China Relations: पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के देपसांग और डेमचोक इलाकों से भारत-चीन सैनिकों की पूरी तरह वापसी हो गई है. भारतीय सेना के सूत्रों ने बताया कि जल्द ही इन बिंदुओं पर पेट्रोलिंग शुरू कर दी जाएगी. दिवाली के अवसर पर कल यानी 31 अक्टूबर को दोनों देशों के सैनिक एक दूसरे के लिए मिठाइयां बाटेंगे.
उन्होंने बताया कि सैनिकों के पीछे हटने के बाद सत्यापन का काम प्रगति पर है. दोनों सेनाओं के ग्राउंड कमांडरों के बीच पेट्रोलिंग के तौर-तरीकों पर फैसला होना अभी बाकी है. अधिकारियों 25 अक्टूबर को कहा था कि सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया 28-29 अक्टूबर तक पूरी होने की संभावना है.
कोर कमांडर स्तर की वार्ता
सेना सूत्रों के मुताबिक, समझौते की रूपरेखा पर पहले राजनयिक स्तर पर हस्ताक्षर किए गए और फिर सैन्य स्तर की बातचीत हुई. समझौते की बारीकियों पर कोर कमांडर स्तर की बातचीत के दौरान काम किया गया था. दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते का पालन करते हुए इन क्षेत्रों में तैनात भारतीय सैनिकों ने अपने उपकरण हटाने शुरू कर दिए.
LAC के मुद्दे पर क्या बोला चीन?
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने सैनिकों को पीछे हटाने में पर कहा कि चीन और भारत के बीच सीमा से जुड़े मुद्दों पर एक सहमति बनी है. उन्होंने कहा, ‘इस वक्त, चीनी और भारतीय सैनिक समझौतों को व्यवस्थित तरीके से लागू कर रहे हैं. भारत और चीन के बीच हुए महत्वपूर्ण समझौते के बाद दोनों देशों ने पूर्वी लद्दाख के देमचोक और देपसांग में टकराव वाले स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाना 2 अक्टूबर को शुरू कर दिया.
जून 2020 को गलवान घाटी में चीन और भारतीय सैनिकों के बीच झड़प हो गई थी. जिसके बाद दोनों देशों के संबंधों में तनाव आ गया था. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 21 अक्टूबर को कहा था कि पिछले कई हफ्तों में हुई बातचीत के बाद समझौतों को अंतिम रूप दिया गया और यह 2020 में उपजे विवाद को खत्म कर देगा.
बता दें कि पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने रूस के कजान में BRICS समिट के दौरान द्विपक्षीय बैठक में पूर्वी लद्दाख में LAC पर गश्त और सैनिकों को पीछे हटाने को लेकर हुए समझौते का 23 अक्टूबर को समर्थन किया था.
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