Maharashtra Assembly Elections: महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले राज्य की शीर्ष पुलिस अधिकारी (DGP) रश्मि शुक्ला को चुनाव आयोग के आदेश पर तत्काल अपने पद से हटा दिया गया है. आयोग ने राज्य में निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनावी माहौल सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया है. कांग्रेस, शिवसेना (UBT), और एनसीपी (शरद पवार गुट) ने शिकायत की थी कि शुक्ला विपक्षी दलों के नेताओं की कथित फोन टैपिंग में शामिल रही हैं, जिससे चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे थे.
चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को मंगलवार दोपहर तक डीजीपी के पद के लिए तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नाम भेजने का निर्देश दिया है. इन तीन नामों में से किसी एक अधिकारी को कार्यवाहक डीजीपी के रूप में नियुक्त किया जाएगा. चुनाव आयोग का यह निर्णय 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावी माहौल बनाने की मंशा से लिया गया है.
राजनीतिक हस्तक्षेप की शिकायतों पर आयोग सख्त
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने आरोप लगाया था कि रश्मि शुक्ला विपक्षी नेताओं के फोन टैप कराने के आदेश दे रही हैं. उन्होंने आगे कहा कि वह भाजपा के करीब मानी जाती रही हैं. बीते दिनों मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने राज्य में चुनावी प्रक्रिया के दौरान बढ़ते अपराध और राजनीतिक पक्षपात पर चिंता जताई थी. उन्होंने समीक्षा बैठकों में अधिकारियों को स्पष्ट संदेश दिया था कि किसी भी राजनीतिक दल के प्रति पक्षपात न किया जाए और निष्पक्ष छवि बरकरार रखी जाए.
रश्मि शुक्ला पर पुराने विवादों का साया
1988 बैच की आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला का करियर विवादों से भरा रहा है. पुणे पुलिस कमिश्नर और महाराष्ट्र इंटेलिजेंस कमिश्नर रहते हुए उन पर विपक्षी नेताओं की फोन टैपिंग के आदेश देने का आरोप लग चुका है. पिछले साल उन्हें रिटायर होना था, लेकिन तत्कालीन भाजपा-शिवसेना सरकार ने उन्हें दो साल का सेवा विस्तार दिया था. उनके भाजपा से करीबी संबंधों के आरोपों ने इस फैसले के बाद और भी जोर पकड़ लिया.
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निष्पक्षता का वातावरण बनाए रखने की कोशिश
चुनाव आयोग के इस कदम का उद्देश्य स्पष्ट है कि चुनाव के दौरान कोई भी ऐसा वातावरण न बने जो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव में बाधा डाले. आयोग ने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को निर्देशित किया है कि डीजीपी का चार्ज अगली वरिष्ठतम अधिकारी को सौंपा जाए, ताकि चुनाव में निष्पक्षता बनी रहे.
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