डीएनए हिंदी: मनी लॉन्डिंग के एक मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हेमंत सोरेन को एक बार फिर समन जारी किया है. ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सोरेन को 27 से 31 जनवरी के बीच पूछताछ के लिए बुलाया है. केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने इस मामले में सोरेन का बयान पहली बार 20 जनवरी को यहां उनके आधिकारिक आवास पर दर्ज किया था. ईडी ने दूसरे राउंड की पूछताछ के लिए फिर से नोटिस भेजा है.
ईडी की एक टीम ने 20 जनवरी को सीएम हेमंत सोरने से उनके आवास पर करीब 7 घंटे तक पूछताछ की थी. उन्होंने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उनका बयान दर्ज किया. जांच एजेंसी ने सोरेन को 27 से 31 जनवरी के बीच फिर से जांच में शामिल होने के लिए कहा है. ईडी की एक टीम पिछली बार की तरह उनके आवास पर जाएगी.
जानकारी के मुताबिक, उस दिन (20 जनवरी) बयान दर्ज कराने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई थी इसलिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को फिर से जांच में शामिल होने के लिए कहा गया है.
शिबू सोरेन की भी बढ़ी मुश्किलें
वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने सोमवार को कहा कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत के आधार पर पार्टी अध्यक्ष शिबू सोरेन के खिलाफ लोकपाल द्वारा शुरू की गई कार्रवाई में दिल्ली उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप से इनकार करने के बाद वह शीर्ष अदालत का रुख कर सकते हैं. अगस्त 2020 में की गई शिकायत में झारखंड की गोड्डा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोकसभा सदस्य दुबे ने दावा किया कि पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन और उनके परिवार के सदस्यों ने सरकारी खजाने का दुरुपयोग करके भारी संपत्ति अर्जित की और वे घोर भ्रष्टाचार में लिप्त रहे हैं.
शिबू सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पिता हैं. झामुमो के प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि मैं फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता. लेकिन हम शीर्ष अदालत का रुख कर सकते हैं जहां हमें राहत मिलने की उम्मीद है. उन्होंने आरोप लगाया कि सांसद दुबे की शिकायत राजनीति से प्रेरित है.
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