Land For Jobs: लालू यादव पर कसा ED ने शिकंजा, 6 करोड़ की संपत्ति जब्त

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 31, 2023, 06:03 PM IST

Land for job scam

Land For Jobs Case: नौकरी के बदले जमीन घोटाले मामले में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव जांच का सामना कर रहे हैं.

डीएनए हिंदी: नौकरी के बदले जमीन घोटाले (Land For Jobs Case) में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं.  प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में सोमवार को लालू परिवार की 6 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है. जानकारी के अनुसार, ईडी ने पटना स्थित बिहटा, महुआबाग, दानापुर में आरजेडी प्रमुख की संपत्ति को अटैच किया है. इस मामले में लालू के अलावा उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पहले से ही जांच का सामना कर रहे हैं.

लालू यादव और उनके परिवार के खिलाफ ईडी और सीबीआई की शिंकजा कसता जा रहा है. बीते महीने सीबीआई ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में लालू के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. CBI रेलवे में नौकरी के बदले जमीन लेने के आरोपों की जांच कर रही है. जबकि ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जांच कर रही है. इस मामले में लालू यादव के करीबी भोला यादव और ह्रदयानंद चौधरी को भी अभियुक्त बनाया गया है. आरजेडी प्रमुख के OSD रहे भोला यादव को सीबीआई ने 27 जुलाई को गिरफ्तार किया था.

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लालू यादव पर क्या है आरोप?
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि 2004-2009 में संप्रग सरकार में लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान बिना किसी विज्ञापन या सार्वजनिक सूचना के नियमों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन कर पसंदीदा लोगों को रेलवे में नियुक्त किया गया. सीबीआई के मुताबिक, रेलवे में नौकरी के बदले में अभ्यर्थियों ने प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों को बाजार भाव से काफी कम दरों पर जमीन बेची थी.

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क्या है लैंड फॉर जॉब घोटाला?
लालू यादव पर आरोप है कि यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री रहते हुए उन्होंने पटना के 12 लोगों को ग्रुप डी में चुपके से नौकरी दी थी. इस नौकरी के बदले उनसे अपने परिवार के लोगों के नाम पटना में जमीनें लिखवा ली थीं. सीबीआई का दावा है कि लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव के नाम प्लॉट्स की रजिस्ट्री कराई गई और जमीन की मामूली कीमत नकद में चुकाई गई. पूरा मामला 2004 से 2009 के बीच का है. सीबीआई को जांच में ऐसे सात उदाहरण मिले जहां उम्मीदवारों को कथित तौर पर नौकरी दी गई जब उनके परिवार के सदस्यों ने लालू प्रसाद यादव के परिवार को जमीन हस्तांतरित की. सीबीआई ने इस मामले में 2021 में प्रारंभिक जांच शुरू की थी. 

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