Liquor Scam: छत्तसीगढ़ में 2000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले का खुलासा, ED ने मुख्य आरोपी को किया गिरफ्तार

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:May 07, 2023, 04:04 PM IST

Chhattisgarh Liquor Scam

Chhattisgarh liquor Scam: ईडी ने दावा किया है कि छत्तीसगढ़ में उसे इस मामले में 'अभूतपूर्व भ्रष्टाचार' और 2000 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले हैं.

डीएनए हिंदी: प्रवर्तन निदेशालय ने छत्तीसगढ़ में कथित तौर पर शराब घोटाले (Liquor Scam) का खुलासा किया है. ईडी ने इस मामले में मुख्य आरोपी अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया है. कोर्ट ने अनवर को चार दिन की रिमांड पर भेज दिया है. ईडी ने दावा किया है कि उसे इस मामले में 'अभूतपूर्व भ्रष्टाचार' और 2000 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले हैं. जांच एजेंसी ने कहा कि यह काला कारोबार राज्य में शीर्ष राजनेताओं और नौकरशाहों की मदद से चलाया जा रहा था.

ईडी ने अनवर ढेबर को शनिवार को रायपुर की एक होटल से गिरफ्तार किया था. जांच एजेंसी की भनक लगते ही अनवर होटल के पिछले दरवाजे से फरार होने की कोशिश कर रहा था. ईडी ने आरोप लगाया कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी अनिल टुटेजा शराब कारोबारी अनवर ढेबर के साथ छत्तीसगढ़ में अवैध शराब सिंडिकेट के 'सरगना' हैं और भ्रष्टाचार से अर्जित रकम का इस्तेमाल चुनाव प्रचार में भी किया गया. ईडी ने दावा किया कि उसकी जांच में यह भी सामने आया है कि 2019 से 2022 के बीच राज्य में बिकी कुल शराब में से 30 से 40 फीसदी शराब ‘अवैध’ थी.

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2000 करोड़ रुपये के घोटाला के दावा
शराब कारोबारी अनवर ढेबर की हिरासत के लिए शनिवार को रायपुर की विशेष पीएमएलए अदालत में दायर किए गए अपने आवेदन में ईडी ने दावा किया कि एक सिंडिकेट द्वारा छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला किया गया, जिसमें राज्य के उच्च स्तरीय सरकारी अधिकारी, निजी व्यक्ति और राजनीतिक हस्तियां भी शामिल हैं. जांच एजेंसी ने दावा किया कि अवैध शराब की बिक्री से 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा की काली कमाई की गई. 

कांग्रेस नेता का भाई है अनवर ढेबर
अनवर कांग्रेस नेता और रायपुर के महापौर एजाज ढेबर के बड़े भाई हैं. वहीं, 2003 बैच के आईएएस अधिकारी टुटेजा वर्तमान में राज्य के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर तैनात हैं. ईडी ने शनिवार को अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया था. विशेष पीएमएलए अदालत ने अनवर को 4 दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया. प्रवर्तन निदेशालय ने आयकर विभाग की ओर से टुटेजा और अन्य के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में दायर आरोप पत्र के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएएल) के तहत मामले की जांच के लिए पिछले साल मामला दर्ज किया था. 

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ईडी ने दावा किया कि छत्तीसगढ़ में एक आपराधिक सिंडिकेट का संचालन किया जा रहा है, जो राज्य के आबकारी विभाग समेत अहम महकमों और सरकारी कंपनियों के उच्च स्तरीय प्रबंधन को नियंत्रित कर रिश्वत ले रह था. जांच एजेंसी ने कहा कि टुटेजा रिश्वत की रकम इकट्ठी करते थे और वह अनवर के साथ इस अवैध सिंडिकेट के ‘सरगना’ हैं. ईडी ने यह भी दावा किया कि सिंडिकेट रिश्वत की रकम में से अपना हिस्सा निकालकर बाकी राशि राजनीतिक हस्तियों के प्रचार के लिए भेज देता था. अनवर इस सिंडिकेट के मुख्य संग्रह एजेंट हैं. 

14.41 करोड़ रुपये के ट्रांसफर के डिजिटल सूबत
जांच एजेंसी ने कहा कि अनवर की ओर से टुटेजा को 14.41 करोड़ रुपये स्थानांतरित किए जाने के डिजिटल सबूत उपलब्ध हैं. एजेंसी के आवेदन में कहा गया है कि सिंडिकेट ने छत्तीसगढ़ में शराब की बिक्री से तीन अलग-अलग तरीके से अवैध धन एकत्र किया. वहीं, अनवर के वकील राहुल त्यागी ने शनिवार को आरोप लगाया कि उनके मुवक्किल के खिलाफ कार्रवाई राजनीति से प्रेरित प्रतीत होती है. (PTI इनपुट के साथ)

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