डीएनए हिंदी: लोकसभा चुनाव से पहले केंद्रीय चांज एजेसिंयां विपक्षी दलों पर एक्शन तेज कर दिया है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (एमएससीबी) घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत एनसीपी चीफ शरद पवार के पोते रोहित पवार को समन भेजा है. ईडी ने रोहित पवार को 24 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया है. एजेंसी के नोटिस पर रोहित का भी जवाब आया है. उन्होंने 22 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाने के लिए आग्रह किया है.
ईडी ने 5 जनवरी को बारामती, पुणे, औरंगाबाद और कुछ अन्य स्थानों पर रोहित पवार के स्वामित्व वाली कंपनी बारामती एग्रो और कुछ संबंधित इकाइयों के परिसरों पर छापा मारा था. 38 साल के रोहित पवार महाराष्ट्र विधानसभा में कर्जत-जामखेड सीट से एनसीपी के विधायक हैं और बारामती एग्रो के मालिक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) हैं. पहली बार विधायक निर्वाचित हुए रोहित एनसीपी के शरद पवार गुट से हैं. महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक से जुड़ा मनी लॉन्ड्रिंग मामला मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की अगस्त 2019 की एफआईआर पर आधारित है.
क्या है पूरा मामला?
छापों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एनसीपी (शरद पवार गुट) ने कहा कि रोहित पवार की युवा संघर्ष यात्रा ने जड़ों पर चोट किया है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को असुरक्षित बना दिया है. रोहित की कंपनी के खिलाफ ईडी की जांच महाराष्ट्र स्थित एक खस्ताहाल सहकारी चीनी फैक्ट्री की खरीद के लिए बोली लगाने वाली कंपनी के धन की हेराफेरी के आरोपों से संबंधित है.
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रोहित पवार ने की तारीख बदलने की अपील
वहीं, रोहित पवार ने ईडी से अनुरोध किया कि उन्हें 24 जनवरी को नहीं, बल्कि 22 या 23 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया जाए. रोहित ने कहा कि मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर पूरे महाराष्ट्र से प्रदर्शनकारी 24 जनवरी को मुंबई आएंगे और इसलिए समन की तारीख में बदलाव के लिए ईडी से अनुरोध किया गया है. उन्होंने कहा कि मैंने ईडी से मुझे 22 या 23 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाने का अनुरोध किया है. ईडी अधिकारियों की कोई गलती नहीं है, क्योंकि वे आदेशों का पालन कर रहे हैं. उनके साथ सहयोग करना सभी की जिम्मेदारी है.’
इस बीच एनसीपी ने इस मुद्दे को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा. राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाईड क्रैस्टो ने कहा कि अगर रोहित पवार को केंद्रीय एजेंसी ने तलब किया है, तो कई अन्य लोगों को भी पूछताछ के लिए बुलाया जाना चाहिए जिन पर भाजपा में शामिल होने से पहले पार्टी नेताओं ने (अनियमितताओं के) आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों को उन दागी नेताओं को न्याय के कठघरे में लाना चाहिए, जो अब भाजपा की वॉशिंग मशीन में धुलकर पाक-साफ हो गए हैं.
लालू-तेजस्वी को भेजा समन
इससे पहले ईडी ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव को समन भेजा था. लालू यादव को 29 जनवरी को पेश होने के लिए कहा गया है, वहीं तेजस्वी यादव को 30 जनवरी को बुलाया गया है. तेजस्वी यादव बिहार के डिप्टी सीएम हैं. वहीं ईडी की एक टीम राबड़ी देवी के आवास पर भी पहुंची थी. चुनाव से पहले जांच एजेंसियों ने लालू परिवार पर शिकंजा तेज कर दिया है.
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