डीएनए हिंदी: शिवसेना (Shiv Sena) ने अपने बागियों के खिलाफ़ एक्शन शुरू कर दिया है. 16 विधायकों को विधानसभा के डिप्टी स्पीकर ने नोटिस जारी किया है और उनसे जवाब मांगा है. इसके अलावा, पार्टी ने अपनी मीटिंग के बाद कई अहम फैसले भी लिए हैं. शिवसेना की सख्ती और उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के बयानों के बाद अब एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने भी इमोशनल कार्ड खेला है. एकनाथ शिंदे ने ट्वीट करके शिवसैनिकों से कहा है कि वे महा विकास अघाड़ी (MVA) के खेल को समझें. शिंदे ने कहा कि वह शिवसेना को एनसीपी (NCP) और कांग्रेस (Congress) के चंगुल से मुक्त कराने में लगे हुए हैं.
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में हुई शिवसेना विधायकों की बगावत के बाद पार्टी ने यह साफ कर दिया है कि वापस न लौटने वाले विधायकों और मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा है कि एक-एक करके बगावती मंत्रियों को बर्खास्त किया जाएगा. दूसरी तरफ, 16 विधायकों को नोटिस भी जारी किया जा चुका है और शिवसेना हर संभव कोशिश कर रही है कि इनकी सदस्यता खत्म करवा दी जाए जिससे एकनाथ शिंदे का गुट किसी दूसरे दल में दो तिहाई विधायकों के साथ जाने का दांव न खेल सकें.
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शिंदे बोले- शिवसेना को बचाने की लड़ाई लड़ रहा हूं
इसी बीच एकनाथ शिंदे ने एक ट्वीट किया. शिंदे ने अपने ट्वीट में लिखा है, 'प्रिय शिवसैनिको, आप अच्छी तरह से समझो, महा विकास अघाड़ी के खेल को पहचानो! मैं शिवसेना और शिवसैनिकों को एमवीए जैसे अजगर के चंगुल से मुक्त कराने के लिए संघर्ष कर रहा हूं. यह लड़ाई आप शिवसैनिकों के लिए समर्पित है.' दरअसल, एकनाथ शिंदे और उनके गुट का दावा है कि एनसीपी और कांग्रेस जैसी पार्टियां महाराष्ट्र में शिवसेना को खत्म करने के लिए काम कर रही हैं.
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एकनाथ शिंदे गुट के विधायक एक-एक करके अपने वीडियो भी जारी कर रहे हैं जिसमें वे अलग-अलग तरीके से दावा कर रहे हैं कि शिवसेना को एनसीपी और कांग्रेस से खतरा है. कई विधायकों ने अपील की है कि शिवसेना को महा विकास अघाड़ी का साथ छोड़ देना चाहिए और बीजेपी के साथ सरकार बना लेनी चाहिए. हालांकि, इस मामले पर शिवसेना ने अभी तक स्पष्ट रुख रखा है कि वह महा विकास अघाड़ी में बनी रहेगी.
शिवसेना के दोनों गुट आमने-सामने
दूसरी तरफ, शिवसेना समर्थकों ने बागी विधायकों के खिलाफ प्रदर्शन और तोड़फोड़ शुरू कर दी है. कई विधायकों के दफ्तरों पर हमले किए जाने के बाद महाराष्ट्र के कई जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई और राजनीतिक रैलियों और जुलूसों पर रोक लगा दी गई. शिवसैनिकों के हंगामे के जवाब में एकनाथ शिंदे गुट के समर्थक भी सड़क पर उतरने लगे हैं और उन्होंने भी प्रदर्शन शुरू कर दिया है.
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शिवसेना की बगावत में मौका देखकर बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस भी सक्रिय हैं. उन्होंने एकनाथ शिंदे से मुलाकात की थी. इसके अलावा, उन्होंने रामदास आठवले समेत कई अन्य नेताओं से भी मुलाकात की है. हालांकि, बीजेपी एकदम फूंक-फूंककर कदम रख रही है और अभी तक उसका यही कहना है कि वह सरकार बनाने के लिए किसी से बात नहीं कर रही है.
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