डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की सरकार ने विश्वास मत हासिल कर लिया है. महाराष्ट्र विधानसभा में एकनाथ शिंदे की सरकार में 164 विधायकों ने वोट किया जबकि सरकार के विरोध में सिर्फ 99 वोट पड़े. गौर करने वाली बात यह रही कि उद्धव ठाकरे के साथ नजर आने वाले दो और विधायकों ने एकनाथ सरकार के पक्ष में वोट किया. विश्वास मत के दौरान MVA सरकार में मंत्री रहे अशोक चव्हाण और विजय वडेट्टीवार टाइम विधानसभा नही पहुंचने के कारण वोट नहीं कर सके. इसके अलावा MNS के एक विधायक और समाजवादी पार्टी के अबू आजमी तटस्थ रहे जबकि प्रणति शिंदे और जितेश अंतापुरकर अनुपस्थित रहे. सरकार द्वारा विश्वास मत जीतने के बाद आदित्य ठाकरे समेत शिवसेना के कई विधायक सदन से चले गए.
इसके बाद सदन में बोलते हुए महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राजनीति में विरोधियों की आवाज सुनने के लिए सभी को तैयार रहना चाहिए. हमने देखा है कि सोशल मीडिया पर बयान देने और पोस्ट करने के लिए लोगों को जेल में डाल दिया गया. हमें अपने खिलाफ बोलने वाले लोगों के लिए तैयार रहना चाहिए. हमें आलोचना का जवाब देना चाहिए लेकिन उचित तरीके से. उन्होंने आगे कहा, "मैंने एक बार कहा था कि मैं वापस आऊंगा। लेकिन जब मैंने ऐसा कहा तो कई लोगों ने मेरा मजाक उड़ाया। मैं आज वापस आया हूं और उन्हें (एकनाथ शिंदे) अपने साथ लाया हूं। मैं उन लोगों से बदला नहीं लूंगा जिन्होंने मेरा मजाक उड़ाया। मैं उन्हें माफ कर दूंगा, राजनीति में सब कुछ दिल पर नहीं लिया जाता है."
ठाकरे गुट के दो विधायक शिंदे के साथ आए नजर
विश्वास मत से पहले आज शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को बड़ा झटका तब लगा जब कल तक उनके साथ नजर आने वाले दो और विधायकों ने एकनाथ शिंदे सरकार के पक्ष में मतदान किया. इन विधायकों के नाम- संतोष बांगर और शामशुंदर शिंदे है. विधायक संतोष बांगर ने आज जब विधासभा में एकनाथ शिंदे सरकार का समर्थन किया, तब विपक्ष ने शोर-शराबा भी किया. संतोष बांगर आज सुबह से ही एकनाथ गुट के विधायकों के साथ नजर आए. वो विधायकों के साथ ही विधानसभा पहुंचे.
उद्धव गुट की याचिका पर SC में सुनवाई 11 जुलाई को
इससे पहले उच्चतम न्यायालय मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के बागी विधायकों के गुट के नए पार्टी सचेतक को मान्यता देने के महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के आदेश के खिलाफ उद्धव ठाकरे के गुट की याचिका पर 11 जुलाई को सुनवाई करने के लिए सोमवार को सहमत हो गया. न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि नई याचिका पर लंबित अन्य मामलों के साथ 11 जुलाई को उसी पीठ द्वारा सुनवाई की जाएगी.
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उद्धव ठाकरे गुट की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता ए. एम. सिंघवी ने कहा, "सचेतक को मान्यता देना अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता. यह इस अदालत के समक्ष कार्यवाही की यथास्थिति को बदल रहा है. अध्यक्ष ने आधी रात को नए सचेतक की नियुक्ति की." न्यायमूर्ति बनर्जी ने कहा, "अभी मेरे समक्ष दस्तावेज मौजूद नहीं है. इन सब पर 11 जुलाई को ही सुनवाई करते हैं."
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