महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को स्वीकार किया कि कृषि संकट के कारण सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन को लोकसभा चुनावों में भारी नुकसान उठाना पड़ा. उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान प्याज ने हमें परेशान किया. शिंदे ने मुंबई में कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की एक बैठक के दौरान यह बात की. शिंदे ने कहा कि वह नए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलेंगे और प्याज, सोयाबीन और कपास के लिए समर्थन मूल्य तय करने का मुद्दा उठाएंगे.
सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से कृषि संबंधी मुद्दों पर बात की है. हमें नासिक (उत्तर महाराष्ट्र के प्रमुख प्याज उत्पादन केंद्र) के आसपास प्याज के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ा. प्याज ने हमें नासिक में, सोयाबीन और कपास ने मराठवाड़ा और विदर्भ में (चुनावों के दौरान) रुलाया. उन्होंने कहा कि हम केंद्रीय कृषि मंत्री से प्याज, सोयाबीन और कपास के लिए समर्थन मूल्य तय करने के बारे में बात करेंगे.
खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के लिए पिछले साल दिसंबर में केंद्र ने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था. जिसके चलते खासकर नासिक में विरोध प्रदर्शन हुए. आखिर में सरकार को मई यह प्रतिबंध हटाना पड़ा.
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'400 पार' का इस वजह से बिगड़ा खेल
शिंदे ने कहा 400 पार के नारे के बाद लोगों के मन में संविधान बदलने और आरक्षण खत्म करने जैसी आशंका उत्पन्न हो गई. बीजेपी ने एनडीए के घटक दलों के साथ मिलकर 400 से अधिक सीट जीतने का लक्ष्य रखा था. उन्होंने कहा कि विपक्ष द्वारा झूठी कहानी गढ़े जाने के कारण हमें कुछ स्थानों पर नुकसान हुआ. हमें महाराष्ट्र में भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ा.
उन्होंने कहा, ‘‘400 पार (नारे) के कारण लोगों को लगा कि भविष्य में संविधान बदलने और आरक्षण हटाने जैसे मुद्दों पर कुछ गड़बड़ हो सकती है. शिंदे की पार्टी शिवसेना को लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 49 सीट में से 7 सीट पर जीत दर्ज की.
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