डीएनए हिंदी: शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे और पार्टी के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बीच फोन पर बात हुई है. दोनों के बीच करीब 15 मिनट तक बात हुई. दोनों नेताओं के बीच यह बातचीत विधायक मिलिंद नार्वेकर के फोन पर हुई. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बातचीत के दौरान एकनाथ शिंदे ने ठाकरे के प्रस्ताव को नाकार दिया है. उन्होंने हिंदुत्व के मुद्दे पर खुलकर अपनी नाराजगी जताई.
सूत्रों ने बताया कि शिंदे ने विधायक दल के नेता के रूप में उन्हें हटाए जाने पर भी नाराजगी जताई है. उन्होंने ठाकरे से कहा कि जब उन्होंने आजतक पार्टी के खिलाफ काम नहीं किया तो उन्हें विधायक दल के नेता के पद से क्यों हटाया गया.
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'बाल ठाकरे से मिली सीखों को कभी भी सत्ता के लिए नहीं छोड़ेंगे'
इससे पहले दोपहर में एकनाथ शिंदे ने दोपहर में कहा कि वह कभी भी "सत्ता के लिए धोखा नहीं" देंगे और बाल ठाकरे से मिली सीखों को नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि "हम बालासाहेब के कट्टर शिवसैनिक हैं, जिन्होंने हमें हिंदुत्व का पाठ पढ़ाया। हम कभी भी सत्ता के लिए धोखा नहीं देंगे और सत्ता के लिए बालासाहेब एवं आनंद दीघे से मिली सीखों को कभी नहीं छोड़ेंगे."
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कौन हैं एकनाथ शिंदे?
एकनाथ शिंदे ने शिवसेना में रहते हुए कई पदों पर काम किया. वर्ष 2004 में विधानसभा के लिए चुने जाने से पहले उन्होंने कई बार पार्टी पार्षद के रूप में काम किया था. वह अपनी पहुंच के लिए भी जाने जाते हैं. मुंबई महानगर क्षेत्र के ठाणे और पालघर जिलों में पार्टी संगठन पर उनकी मजबूत पकड़ है, जो विधानसभा में 24 विधायकों को भेजते हैं.
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