Electoral Bonds: चुनाव आयोग ने जारी किया इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ा नया डेटा, इसमें चंदा देने वाली कंपनियों का जिक्र

Written By रईश खान | Updated: Mar 17, 2024, 04:41 PM IST

Electoral Bonds

Election Commission On Electoral Bond: चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bond) से जुड़ा नया डेटा जारी कर दिया है.

चुनाव आयोग ने रविवार को इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bond) से जुड़ा नया डेटा जारी किया है. EC ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एसबीआई से मिली जानकारी नई अपनी वेबसाइट पर साझा की है. इसमें कंपियनों के द्वारा खरीदे गए इलेक्टोरल बॉन्ड और किस पार्टी को कितना चंदा दिया उसका जिक्र है. यह डेटा चुनाव आयोग ने सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंपा था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आयोग से यह डेटा अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक करने के लिए कहा था.

चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा, 'राजनीतिक दलों से प्राप्त डेटा जो सीलबंद लिफाफे में सर्वोच्च न्यायालय में जमा किया गया था. वह अदालत की रजिस्ट्री ने एक सीलबंद लिफाफे में एक पेन ड्राइव में डिजिटल रिकॉर्ड के साथ फिजिकल प्रतियां वापस दी हैं. आयोग ने इस डेटा को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है.'


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इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली कंपनियों का ब्योरा
इससे पहले 15 मार्च को चुनाव आयोग (Election Commission) ने चुनावी बॉन्ड से जुड़ी जानकारी को सार्वजनिक किया था. आयोग ने जो डेटा शेयर किया था, उसमें 12 अप्रैल 2019 के बाद से 1,000 रुपये से 1 करोड़ रुपये कीमत के चुनाव बॉन्ड की खरीद संबंधी जानकारी दी गई थी. इसमें उन कंपनियों और व्यक्तियों का ब्योरा था, जिन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे थे. साथ उन राजनीतिक पार्टियों का जिक्र था जिन्हें ये चुनावी चंदा दिया गया था.

चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए अंतिम दस्तावेज में चुनावी बॉन्ड की तारीख, राशि, बॉन्ड जारी करने वाली एसबीआई की शाखा का नंबर, प्राप्ति की तारीख और भुनाने की तारीख से संबंधित कच्चे आंकड़े हैं. इनमें बॉन्ड की विशिष्ट संख्या का खुलासा नहीं किया गया है.

किस पार्टी ने क्या कहा?
तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने एसबीआई को पत्र लिखकर इलेक्टोरल बॉन्ड की विशिष्ट संख्या मांगी है, ताकि पार्टी सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन कर सके. बीडेपी ने एसबीआई से ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया है, हालांकि, पार्टी ने भी कच्चा डेटा ही दिया है. बसपा ने चुनावी बॉन्ड के माध्यम से कोई भी दान मिलने से इनकार किया है. माकपा ने भी चुनावी बॉन्ड के माध्यम से दान प्राप्त करने की बात कही है. हालांकि, कांग्रेस ने कहा कि वह एसबीआई द्वारा चुनाव आयोग को दिया गया कच्चा डेटा जारी करेगी.

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