'अकबर' को लेकर क्या बोले थे असम के CM हिमंत बिस्वा सरमा? जिस पर EC ने लिया एक्शन

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Oct 27, 2023, 07:03 AM IST

Himanta Biswa Sarma 

Chhattisgarh Assembly Election 2023: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने अकबर को लेकर भड़काऊ भाषण दिया था. जिसको लेकर चुनाव आयोग ने 30 अक्टूबर तक सरमा से जवाब मांगा है.

डीएनए हिंदी:  छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान राज्य के इकलौते मुस्लिम मंत्री मोहम्मद अकबर को निशाना बनाकर की गई टिप्पणी को लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. चुनाव आयोग ने हिमंत सरमा को नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि 'आपके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जाए'. आयोग ने सरमा को 30 अक्टूबर को शाम 5 बजे तक नोटिस का जवाब देने के लिए कहा है.

कांग्रेस ने हिमंत सरमा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके एक दिन बाद चुनाव आयोग ने यह नोटिस भेजा है. हिमंत सरमा ने 18 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के कवर्धा में अपने भाषण के दौरान अकबर पर निशाना साधते हुए कहा था, 'अगर अकबर को नहीं हटाया गया तो माता कौशल्या की भूमि अपवित्र हो जाएगी. एक अकबर कहीं आता है तो 100 अकबर बुलाता है. अत: जितनी जल्दी हो सके उसे विदा करो, अन्यथा माता कौशल्या की भूमि अपवित्र हो जाएगी.' माना जाता है कि भगवान राम की मां कौशल्या आधुनिक समय के छत्तीसगढ़ की रहने वाली थीं. सरमा ने धर्मांतरण समेत कई मुद्दों को लेकर छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर भी हमला बोला था.

असम के सीएम ने दिया था भड़काऊ भाषण
उन्होंने कहा था, 'आज छत्तीसगढ़ के हमारे प्रिय आदिवासियों को आए दिन धर्म परिवर्तन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. जब कोई इसके खिलाफ आवाज उठाता है तो भूपेश बघेल जी कहते हैं 'हम धर्मनिरपेक्ष हैं'. क्या हिंदुओं को पीटना आपकी धर्मनिरपेक्षता है? यह देश हिंदुओं का देश है और हिंदुओं का रहेगा. हमें धर्मनिरपेक्षता मत सिखाइए, हमें आपसे धर्मनिरपेक्षता सीखने की जरूरत नहीं है.' 

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कांग्रेस ने कवर्धा से अपने उम्मीदवार अकबर के खिलाफ टिप्पणी के लिए बुधवार को सरमा के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी. पार्टी ने आरोप लगाया कि हिमंत बिस्वा सरमा के बयान में समाज के वर्गों को एक-दूसरे के खिलाफ भड़काने की स्पष्ट मंशा थी.

चुनाव आयोग ने हिमंत सरमा को नोटिस जारी करते हुए चुनाव आचार संहिता के एक प्रावधान की याद दिलाई है, जिसमें कहा गया है कि कोई भी पार्टी या उम्मीदवार किसी भी ऐसी गतिविधि में शामिल नहीं होगा जो मौजूदा मतभेदों को बढ़ा सकती हो, आपसी नफरत पैदा कर सकती है या विभिन्न जातियों व समुदायों, धर्मों या भाषाओं के आधार पर तनाव पैदा कर सकती हो. बता दें कि छत्तीसगढ़ की 90-सदस्यीय विधानसभा के चुनाव के लिए 7 और 17 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा. (PTI इनपुट के साथ)

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