डीएनए हिंदी: देश के पांच राज्यों में चुनावी बिगुल बजने वाला है. चुनाव आयोग आज यानी 9 अक्टूबर को राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करेगा. चुनाव आयोग दोपहर 12 बजे चुनाव की तारीखों की घोषणा करेगा. निर्वाचन आयोग ने दिल्ली के आकाशवाणी के रंगभवन ऑडिटोरियम में एक संवाददाता सम्मेलन बुलाया है. इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त समेत आयोग के प्रमुख अधिकारी मौजूद रहेंगे.
देश में 2024 में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. उससे पहले इन चुनावों को सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है. अबकी बार सीधी लड़ाई एनडीए बनाम इंडिया गठबंधन की होने वाली है. 26 से ज्यादा दलों का विपक्षी गठबंधन एक साथ चुनाव मैदान में उतरेगा. इनमें तीन राज्य राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ ऐसे हैं जो हिंदी बेल्ट में आते हैं. राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की फिलहाल कांग्रेस की सरकार है, जबकि मध्य प्रदेश में बीजेपी सत्ता में है. इसके अलावा दक्षिण भारत के तेलंगाना में भी चुनावी टक्कर देखने को मिलेगी. वहीं मिजोरम भी 2024 के लिहाज से पूर्वोत्तर का अहम राज्य माना जा रहा है.
राजस्थान में घमासान
राजस्थान में उम्मीदवारों की पहली सूची कब आएगी, यह कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा खेमे में भी लाख टके का सवाल बन गया है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कुछ महीने पहले कहा था कि पार्टी चुनाव से दो महीने पहले उम्मीदवारों की सूची की घोषणा करेगी, लेकिन यह सूची कब आएगी, इसे लेकर अटकलें तेज हैं. कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा, 'हम जीतने योग्य उम्मीदवारों को लाने की योजना बना रहे हैं। हमारा फोकस युवाओं पर है. आदर्श आचार संहिता की घोषणा के तुरंत बाद हमारी पहली सूची सामने आनी चाहिए.
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अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच झगड़े के कारण गुटबाजी से बुरी तरह प्रभावित कांग्रेस पार्टी में बड़ी अटकलें हैं. इसके अलावा ऐसी भी खबरें हैं कि स्थानीय विधायकों पर सत्ता विरोधी लहर का असर होने के कारण इस बार करीब 30 फीसदी टिकट काटे जाएंगे. हालांकि, रंधावा ने गुटबाजी की खबरों का खंडन किया और कहा कि पार्टी एकजुट है. उन्होंने कहा कि वहां कोई विभाजन नहीं है और कोई दो खेमे नहीं हैं. क्या आपने पिछले कुछ महीनों में किसी को दूसरे के खिलाफ बोलते देखा है?' उन्होंने विशेष रूप से किसी नेता का नाम लिए बिना पूछा. इस बीच उन्होंने इस तथ्य को स्वीकार किया कि पार्टी में भाई-भतीजावाद एक चुनौती है और हाईकमान राजस्थान में इस समस्या को दूर करने के लिए काम कर रहा है.
बीजेपी की हो सकती है बैठक
हालांकि, न केवल कांग्रेस अपने उम्मीदवारों की सूची और उनकी जीत के कारक पर विचार कर रही है, बल्कि भगवा पार्टी बीजेपी भी उसी नाव पर सवार दिख रही है. हाल ही में केंद्रीय मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और महासचिव (संगठन) बीएल संतोष ने जयपुर का औचक दौरा किया, जहां उन्होंने राजस्थान के वरिष्ठ पार्टी नेताओं के साथ बैठक की. बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया, संगठन सचिव चंद्रशेखर, सांसद राज्यवर्धन राठौड़ और कुछ अन्य लोगों ने हिस्सा लिया. सांसद दीया कुमारी की अचानक एंट्री हुई, जो अमित शाह से 10 मिनट की मुलाकात के बाद चली गईं. बताया जा रहा है कि चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद अमित शाह और टीम राज्य के आरएसएस नेताओं से भी मुलाकात करेंगे. इस मीटिंग में उम्मीदावों के नाम पर मुहर लग सकती है.
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