Electoral Bond Case: इलेक्टोरल बॉन्ड से किसे मिला कितना चंदा, 15 मार्च को होगा खुलासा, SBI ने चुनाव आयोग को सौंपा डाटा

Written By रईश खान | Updated: Mar 12, 2024, 07:42 PM IST

Electoral Bond

Electoral Bond Case: सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार की चुनावी बॉन्ड योजना को पिछले महीने खारिज कर दिया था. SBI को इस योजना के जरिए दिए गए चंदे की पूरी जानकारी चुनाव आयोग को सौंपने को कहा गया था.

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने  इलेक्टोरल बॉन्‍ड (Electoral Bond) से संबंधित डाटा चुनाव आयोग को सौंप दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को आज शाम तक यह डाटा चुनाव आयोग को सौंपने का निर्देश दिया था. चुनावी बॉन्‍ड्स की जानकारी से अब साफ हो जाएगा कि किस पार्टी को कितने रुपये का चंदा दिया गया था.

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एसबीआई को 12 मार्च को कामकाजी समय समाप्त होने तक चुनाव आयोग को चुनावी बॉण्ड का डाटा का खुलासा करने का आदेश दिया था. आदेश के मुताबिक, चुनाव आयोग को 15 मार्च शाम 5 बजे तक बैंक द्वारा साझा की गई जानकारी अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करनी होगी. 

SBI ने जारी किए थे 16.5 करोड़ के Electoral Bond
एसबीआई ने 2018 में योजना की शुरुआत के बाद से 30 किस्त में 16,518 करोड़ रुपये के चुनावी बॉण्ड जारी किए. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को एक ऐतिहासिक फैसले में केंद्र की इइलेक्टोरल बॉन्‍ड योजना को रद्द करते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया था. साथ ही चुनाव आयोग को दानदाताओं, उनके और प्राप्तकर्ताओं द्वारा दान की गई राशि का खुलासा करने का आदेश दिया था.

SBI ने विवरण का खुलासा करने के लिए 30 जून तक का समय मांगा था. हालांकि, शीर्ष अदालत ने बैंक की याचिका खारिज कर दी और उसे मंगलवार को कामकाजी समय समाप्त होने तक सभी विवरण निर्वाचन आयोग को सौंपने को कहा. पॉलिटिकल फाइनेंसिंग में पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले नकद चंदे के विकल्प के रूप में चुनावी बॉण्ड पेश किया गया था.

Electoral Bond की पहली बिक्री मार्च 2018 में हुई थी. चुनावी बॉण्ड राजनीतिक दल द्वारा अधिकृत बैंक खाते के माध्यम से भुनाए जाने थे और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) इन बॉण्ड को जारी करने के लिए एकमात्र अधिकृत बैंक है.

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