सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने इलेक्टोरल बॉन्ड के यूनीक नंबर के साथ-साथ सारी जानकारी चुनाव आयोग को सौंप दी थी. इसके बाद केंद्रीय चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट पर इसे अपलोड कर दिया है. इस डेटा से पता चलता है कि किस पार्टी को किस कंपनी या शख्स ने चंदा दिया. यूनीक नंबर के साथ यह मिलाया जा सकता है कि किसने, कब और किसे चंदा दिया. साथ ही, इलेक्टोरल बॉन्ड की राशि का ब्योरा भी वेबसाइट पर अपलोड किया जा चुका है.
दरअसल, हर इलेक्टोरल बॉन्ड का एक नंबर होता है जिससे उसकी पहचान होती है. SBI ने पहले जो डेटा दिया था उसमें यूनीक नंबर नहीं बताए थे जिससे यह तय नहीं हो पा रहा था कि किसने किसे चंदा दिया. इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने SBI को फटकार लगाई थी और कहा था कि उसके पास इलेक्टोरल बॉन्ड का जितना भी डेटा है, वह सब चुनाव आयोग को सौंप दिया जाए.
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अब हो जाएगा खुलासा
पहले दिए गए डेटा में इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाले का नाम, इलेक्टोरल बॉन्ड की कीमत, खरीदने की तारीख और भुनाने की तारीख का जिक्र था. हालांकि, खरीदने और भुनाने की तारीखों में अंतर होने की संभावनाओं के चलते यह मिलान कर पाना मुश्किल था कौन सा इलेक्टोरल बॉन्ड किसने भुनाया. अब यूनीक नंबर सामने आने से यह स्पष्ट हो जाएगा कि अमुक कंपनी या शख्स ने किस पार्टी को कितना चंदा दिया.
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हालांकि, इस बार भी SBI ने दो अलग फाइलें दी हैं. एक में इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाले लोगों का जिक्र है तो दूसरी फाइल में इलेक्टोरल बॉन्ड को भुनाने वाली पार्टियों के बारे में जिक्र किया गया है.
यहां देखें इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने और भुनाने वालों की पूरी लिस्ट
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