India Pakistan Relation: पाकिस्तान के साथ बातचीत पर विदेश मंत्री की दो टूक, 'शर्तों के साथ वार्ता संभव नहीं'

Written By स्मिता मुग्धा | Updated: Jan 02, 2024, 02:55 PM IST

EAM S. Jaishankar On India Pakistan Relation

S. Jaishankar On Talks With Pakistan: भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता के एक सवाल पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान में आज भी भारत विरोधी गतिविधियां हो रही हैं और ऐसे में वार्ता संभव नहीं है. 

डीएनए हिंदी: भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय वार्ता पूरी तरह से बंद है. पाकिस्तान लगातार बातचीत के रास्ते खोलने की वकालत करता रहा है. हालांकि, यह भी तथ्य है कि भारत पर दबाव बनाने और उसे बातचीत की टेबल पर लाने की इस्लामाबाद की कोशिशें दिखावटी हैं. पाकिस्तान में भारत विरोधी आतंकवादी गतिविधियों को सेना और सरकार दोनों का समर्थन हासिल है. हाल के दिनों में घाटी में आतंक की कई घटनाएं भी सामने आई हैं जिनमें पाकिस्तान का हाथ है. इन हालात में बातचीत की संभावनाओं पर विदेश मंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि जब तक पाकिस्तान आतंकी शर्तों के साथ बातचीत करना चाहेगा तब तक कोई वार्ता संभव नहीं है. 

पाकिस्तान पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, 'भारत को बातचीत की टेबल पर लाने के लिए पाकिस्तान आतंकवाद का सहारा लेता रहा है. भारत ने अब इस खेल को बंद कर दिया है.' उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा नहीं है कि बम पड़ोसी देश से वार्ता करने के पक्ष में नहीं हैं. हमारी स्पष्ट राय है कि पाकिस्तान जिन शर्तों के साथ बातचीत के लिए भारत को टेबल पर लाना चाहता है हम उसके साथ वार्ता के लिए तैयार नहीं है. पाकिस्तान की ओर से लगातार सीमापार से आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया जाता रहा है. 

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पाकिस्तान की जमीन पर पनप रहा आतंकवाद 
भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान अपनी जमीन आतंकी संगठनों को इस्तेमाल करने के लिए देता रहा है. पिछले कुछ महीनों में सीमा पार से कश्मीर और घाटी क्षेत्र में आतंकी वारदात को अंजाम देने की कई घटनाएं हुई हैं. पिछले महीने ही हुए हमले में जैश समर्थित संगठन का हाथ होने के इंटेलीजेंस इनपुट मिले थे. भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ समेत कई अन्य मंचों पर पाकिस्तान की इस नीति का मुखर विरोध किया है.

चीन के साथ संबंधों पर की अहम टिप्पणी 
भारत और चीन के बीच संबंध भी पिछले कुछ वक्त में काफी तनावपूर्ण हो गए हैं. विदेश मंत्री ने बीजिंग की आक्रामकता का मुद्दा उठाते हुए कहा कि भारत और चीन के रिश्ते कई अर्थों में अहम हैं. चीन के साथ आपसी सम्मान, संवेदनशीलता और साझा हितों के आधार पर ही रिश्ता कायम किया सा सकता है. उन्होंने चीन की आक्रामकता पर कहा कि इससे निपटने के लिए भारत के दृष्टिकोण में बदलाव की जरूरत है और हम उस दिशा में बढ़ रहे हैं.

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